Quantcast
Channel: लर्न सब-कुछ [learn sabkuch]
Viewing all 704 articles
Browse latest View live

टूथपेस्‍ट का इतिहास - History of toothpaste

$
0
0
दोस्‍तों हम जब से समझदार हुऐ हैं तब से लेकर आजतक टूथपेस्‍ट का इस्‍तेमाल करते आ रहे हैं पर क्‍या आपने कभी सोचा है कि ये टूथपेस्‍ट आया कहॉ से किसने पहली बार सोचा था कि दॉतों को साफ करने के लिए टूथपेस्‍ट बनाया जाए अगर नहीं तो आइये जानते हैं टूथपेस्‍ट का इतिहास - History of toothpaste

टूथपेस्‍ट का इतिहास - History of toothpaste

यह भी पढें -मैगी का इतिहास

टूथपेस्‍ट का इतिहास काफी पुराना है पुराने समय में दॉतों को साफ रखने के लिए टूथपेस्‍ट नहीं वल्कि अन्‍य चीजों को इस्‍तेमाल किया जाता था जिसमें नमक, पुदीना, आईरिस (Iris) फूल और मिर्च के मिश्रण शामिल थे भारत और चीन के लोगों ने पहली बार टूथपेस्ट का प्रयोग 500 ईसा पूर्व किया था ये लोग टूथपेस्ट को घोड़े के खुरों के टुकड़ों और अण्डों की बाहर की झिल्ली के जले हुए छिलके के साथ में झांवां को मिश्रित कर पेस्ट बना लिया करते थे और दांतों को साफ़ करते थे उस वक़्त भी टूथपेस्ट का उद्देश्य दांतो को साफ़ रखना, मसूड़ों को बचाना और ताज़ी साँसों को प्राप्त करना ही था ग्रीक और रोम के लोग टूथपेस्ट में स्वाद लाने के लिये कोयला और पेड़ों की छालों का प्रयोग किया करते थे चीन के लोग इसके लिये जिनसेंग (Ginseng) के पौधे, पुदीना संग नमक का प्रयोग किया करते थे
आधुनिक समय में टूथपेस्ट सन 1800 से बनना शुरू हुआ जो एक साबुन की तरह हुआ करता था और इसमें खड़िया मिश्रित हुआ करती थी इंग्लैंड में 1800 के वक़्त लोग सुपारी से दांतों को साफ़ किया करते थे और 1860 में यहाँ लोगों ने कोयले से दांत साफ़ करना शुरू कर दिया था इसके बाद कोलगेट कंपनी बाजार में आई जिसे विलयम कोलगेट ने स्‍थापित किया था ये एक अमेरिकी ब्रांड है जो मुख्य रूप से टूथपेस्ट, टूथब्रश, माउथवॉश बनाती है कोलगेट कंपनी ने सन् 1866 में खुशबूदार साबुन, इत्र और 1873 में पहली बार टूथपेस्ट बाजार में उतारा, जो कि ट्यूब के बजाय एक जार में भरा था कोलगेट ने 1873 में टूथपेस्ट को घड़े में बेचना शुरू दिया जिसमें लोग ब्रुश डूबा कर दांतों को साफ़ करते थे टूथपेस्ट को टूयूब में लाने का काम भी कोलगेट ने ही किया दरअसल 1896 में कोलगेट ने टूथपेस्ट को ट्यूब में पैक करके बेचना शुरू किया था ये इतना मशहूर हुआ कि आज सभी अधिकतर टूथपेस्ट ट्यूब के अंदर ही आते हैं कोलगेट दुनिया के 200 से ज्यादा देशों के एक अरब से ज्यादा लोगों की पसंद है और हर दिन हजारों प्रशंसक इसकी विश लिस्ट में जुड़ते जा रहे हैं
भारत में कंपनी ने 1937 में प्रवेश किया और धीरे-धीरे इसी देश की बनकर रह गई नई पीढ़ी तो कोलगेट को देसी कंपनी ही मानती है
टूथपेस्‍ट में झाग पैदा करने की क्षमता को फौगिंग पावर कहते हैं टूथपेस्‍ट में बुदबुदे पैदा करने वाले सफाई दायक पदार्थों के कारण टूथपेस्‍ट में झाग बनते हैं कठोर क्षाग दायक पदार्थ युक्‍त टूथपेस्‍ट मसूडों पर जमे मैल को घोलकर उन्‍हें कोशिकाओं से बाहर निकालकर मसूडों को नर्म बनाते हैं हालांकि कई टूथपेस्‍ट में सोडियम लेरिल सल्‍फेट झाग की क्षमता को बढाता है परन्‍तु इस पदार्थ के कारण मसूडों में जलन पैदा हो सकती है

Tag - Origin of Toothpaste, A Brief History of Toothpaste, An Introduction to Toothpaste


क्‍या होता है एस्‍मा कानून - What is esma law

$
0
0
एस्‍मा जिसका पूर्ण रूप एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट (essential services management act) है जिसे हिंदी में ‘अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून’ कहा जाता है लेकिन क्‍या आप जानते हैं ये क्‍या है और ये क्‍यों लगाया जाता है अगर नहीं तो आइये जानते हैं क्‍या होता है एस्‍मा कानून - What is esma law


क्‍या होता है एस्‍मा कानून - What is esma law


यह भी पढें - जानें क्‍वारंटाइन और आइसोलेशन में क्‍या अंतर होता है

इस कानून को 1968 में लागू किया गया था अत्‍यावश्‍चक सेवा अनुरक्षण कानून का प्रयोग हडताल को रोकने के लिए किया जाता है विदित हो कि एस्‍मा लागू करने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र या अन्‍य दूसरे माध्‍यम से सूचित किया जाता है इसके लागू होने के बाद अगर कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है

यह कानून अधिकतम 6 महीने के लिये लगाया जा सकता है लेकिन अगर केन्‍द्र सरकार चाहे तो इसे कितने भी लम्‍बे समय के लिए लागू किया जा सकता है लेकिन एक बार में केवल 6 महीने के लिए ही इसका आदेश जारी किया जाता है

ESMA लागू होने के बाद यदि कोई भी कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो यह अवैध‍ एवं दण्‍डनीय माना जाऐगा क्रिमिनल प्रोसीजर 1898 (5 ऑफ 1898) के अन्‍तर्गत एस्‍मा लागू होने के बाद इस आदेश से सम्‍बन्‍धि किसी भी कर्मचारी को बिना किसी वारन्‍ट के गिरफ्तार किया जा सकता है इस कानून के तहत यदि किसी कर्मचारी को किसी आवश्‍यता सेवा के तहत ओवर टाइम के लिए कहा जाता है तो वो मना नहीं कर सकता है

इस कानून के तहत यदि कोई व्‍यक्ति किसी को हडताल के उकसाता है या फिर हडताल के लिए कोई वित्‍तीय मदद करता है तो उसे एक साल की जेल और एक हजार रूपये तक का जुर्माना हो सकता है

Tag - Essential Services Maintenance Act, What is ESMA Act, esma in utter pradesh,

जानें क्‍या हैै प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना - Know What is Pradhan Mantri Swanidhi Yojana

$
0
0
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीकी अध्‍यक्षता में एक जून को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस योजना की घोषणा की गई है इस योजना को रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदारों को ध्‍यान में रखते हुऐ तैयार किया गया है तो आइये जानते हैं जानें क्‍या हैै प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना - Know What is Pradhan Mantri Swanidhi Yojana

जानें क्‍या है प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना - Know What is Pradhan Mantri Swanidhi Yojana


दरअसल देश में कोरोना वायरसके चलते लॉकडाउन किया गया था और इस लॉकडाउन से रेहड़ी-पटरी लगाने वाले लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है इन्‍हीं लोगों की परेशानी को कम करने के‍ लिए मोदी सरकार ने पीएम स्‍वनिधी योजना की शुरूआत की है इस योजना के तहत रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदारों को छोटी राशि का कर्ज उपलब्‍ध कराया जाएगा इस पर ब्‍याज की दर भी कम होगी

इस योजना के तहत बिना किसी गारंटी के अधिकतम 10 हजार रुपये तक का लोन मिलेगा यह कारोबार को शुरू करने में मदद करेगा इस लोन को बेहद आसान शर्तों के साथ दिया जाएगा सड़क किनारे ठेले या रेहड़ी-पटरी पर दुकान चलाने वालों के साथ-साथ फल-सब्जी, लॉन्ड्री, सैलून और पान की दुकानें चलाने वाले भी इस लोन का लाभ उठा सकते हैं समय से लोन का भुगनान करने वालों को ब्‍याज में खास छूट भी दी जाएगी सरकार ने स्‍ट्रीट वेंडरों की मदद की खातिर इस स्‍कीम के लिए 5000 करोड़ रुपये की राशि रखी है लोन लेने वाले व्यक्तियों को पुनः भुगतान की जिम्मेदारी लेनी होगी और कम से कम 6 महीने के अंदर उन्हें बचत करके लोन की राशि चुकाना आरंभ करना होगा

सरकार का ऐसा मानना है कि इस योजना से 50 लाख से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा इससे ये लोग कोरोना संकट के समय अपने कारोबार को नए सिरे से खड़ा कर आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देंगे इस स्‍कीम केबारे में पिछले महीने वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज में एलान किया था 

इस योजना के लिए अभी ऑनलाइन को कोई व्‍यवस्‍था नहीं है लेकिन जल्‍द ही इसके आवेदन के बारे में जानकारी आपको दे दी जाऐगी

Tag - Center launches 'PM Swanidhi' scheme,pm modi

चाय और चाय के बैग का आविष्‍कार - invention of tea bag in Hindi

$
0
0

चाय हमारे जीवन का अहम हिस्‍सा बन चुकी है सुबह उठते ही लगभग सभी लोगों को चाय पीने की आदत होती है लेकिन आपने कई चाय पत्‍ती के स्‍थान पर टी बैग को देखा होगा पर क्‍या आपने कभी सोचा है टी बैग का आविष्‍कार किसने किया था अगर नहीं तो आइये जानते हैं जानें कैसे हुआ था टी बैग का आविष्‍कार - invention of tea bag in Hindi





जानें कैसे हुआ था टी बैग का आविष्‍कार - invention of tea bag in Hindi





चाय का इतिहास (History of tea)





चाय का इतिहास काफी पुराना है जिस चाय का इस्‍तेमाल हम बडे ही शौक से आज कल करते हैं उसका इतिहास हजारों साल पुराना है और आपको जानकारी आश्‍चर्य होगा कि भारत चाय का सबसे बडा उत्‍पादक देश है लेकिन अगर हम बात करें चाय के इतिहास की तो चाय के इतिहास को लेकर बहुत सारी कहानियॉ प्रचलित हैं एक कहानी के अनुसार क़रीब 2700 ईसापूर्व चीनी शासक शेन नुंग बग़ीचे में बैठे गर्म पानी पी रहे थे तभी एक पेड़ की पत्ती उस पानी में आ गिरी जिससे उसका रंग बदला और महक भी उठी राजा ने चखा तो उन्हें इसका स्वाद बड़ा पसंद आया और इस तरह चाय का आविष्कार हुआ एक दूसरी कहानी के अनुसार छठवीं शताब्दी में चीन के हुनान प्रांत में भारतीय बौद्ध भिक्षु बोधिधर्म बिना सोए ध्यान साधना करते थे वे जागे रहने के लिए एक ख़ास पौधे की पत्तियां चबाते थे और बाद में यही पौधा चाय के पौधे के रूप में पहचाना गया





भारत में चाय (Tea in India)





भारत में चाय होने की सबसे पहली खबर 1834 में गवर्नर लॉर्ड विलियम बैंटिक को मिली थी. उन्होंने इस काले पेय के बारे में ब्रिटिश सरकार के अधिकारियों को बताया और​ फिर एक टीम लेकर असम पहुंचे जहां आम नागरिकों की मदद से चाय के पौधे की तलाश कर ही ली एक साल मेहनत करने के बाद उन्होंने 1835 में असम के अंदर चाय का पहला बाग लगाया अंग्रेज़ों ने चाय उत्पादन की शुरुआत 1836 में भारत और 1867 में श्रीलंका में की पहले खेती के लिए बीज चीन से आते थे लेकिन बाद में असम चाय के बीज़ों का उपयोग होने लगा। भारत में चाय का उत्पादन मूल रूप से ब्रिटेन के बाज़ारों में चाय की मांग को पूरा करने के लिए किया गया था





अंग्रेजों के 1947 में भारत से जाने के बाद सरकार ने चाय के कारोबार को जारी रखा और 1953 में पहली बार टी बोर्ड का गठन किया गया टी बोर्ड के जरिए भारतीय चाय को विदेशों तक पहुंचाना आसान हो गया इसके साथ ही मजदूरों के लिए रोजगार के नए अवसर खुल गए आज दुनिया में भारत सबसे बड़ा चाय निर्माता देश है जिसकी 70 फीसदी खपत अकेले भारत में ही होती है





टी बैग का इतिहास (History of tea bag)





ऐसा माना जाता है कि टी बैग के आविष्‍कार का श्रेय न्‍यूयॉर्क के चाय व्‍यापारी थॉमस सुलिवन को जाता है कहा जाता है कि वर्ष 1904 में सुलिवन ने अपने ग्रहाकों को चाय के कुछ नमूने रेशम की छोटी छोटी थैलियों में भरकर भेजे थे और उन्‍होंने इस थैलियों को खोलने की अपेक्षा इन्‍हें सीघे ही उबले हुऐ पानी में डाल दिया और उन थैलियों में उस पानी में चाय की पत्‍ती की कमी पूरी कर दी और यहीं से टी बैग का आविष्‍कार हुआ था





सुलिवन के भेजे हुए टी बैग लोगों को खूब पसंद आये इसी को देखते हुए सूलि‍वन ने 1920 में टी बैग का व्‍यावसायिक उत्‍पादन शुरू कर दिया और जल्द ही ये थैले पूरे अमेरिका में लोकप्रिय हो गए 1940 के दशक की शुरुआत तक टी बैग्स छोटे गोल बोरों से मिलते जुलते थे और जिन टी बैग का इस्‍तेमाल आजकल किया जाता है इनकी शुरूआत 1944 में हुई थी






जानें कौन थे सुशांत सिंह राजपूत - Know who was Sushant Singh Rajput

$
0
0
सुशांत सिंह राजपूत भारतीय टीवी कलाकार (TV personality) और फिल्‍म अभिनेता (film star) थे उन्‍होंने किस देश में है मेरा दिल नामक धारावाहिक से काम शुरू किया था 14 जून 2020 को मुम्‍बई स्थित अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी है तो आइये जानें कौन थे सुशांत सिंह राजपूत - Know who was Sushant Singh Rajput

जानें कौन थे सुशांत सिंह राजपूत - Know who was Sushant Singh Rajput



सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) का जन्‍म बिहार(Bihar) के पटना में 21 जनवरी 1986 को हुआ था इनके पिता केके सिंह एक सरकारी अफसर थे वर्ष 2002 में इनकी मॉ का देहान्‍त हो गया था इनके अलावा इनके परिवार में इनकी चार बडी बहनें भी हैं इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा को सेंट लॉरेंस हाई स्कूल (St. Lawrence High School) पटना (Patna) और दिल्ली (Delhi) के कुलाची हंसराज मॉडल स्कूल से प्राप्त की है इन्होंने दिल्ली के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से मैकेनिकल इंजीनियरिंग (mechanical Engineering) की डिग्री हासिल की थी

सुशांत सिंह का करियर (Sushant Singh's career)

सुशांत (Sushant) के करियर की शुरूआत बैकअप डांसर (Backup dancer) के रूप में हुई थी जिस समय ये दिल्‍ली (Delhi)में पढाई कर रहे थे तभी इन्‍होंने शियामक दावर (Shiamak Davar) के डांस क्लास में दाखिला लिया था और कुछ महीनो के भीतर उन्हें दावर के अच्छे डांस ग्रुप में शामिल किया गया 2005 में जो 51 वा फिल्मफेयर पुरस्कार समारोह (Filmfare Awards) हुआ था और इसमें इन्‍होंने बैकग्राउंड डांसर (Background dancer) के ग्रुप में सुशांत राजपूत भी दिखे थे इसके बाद 2006 में कॉमनवेल्थ क्रीडा स्पर्धा (Commonwealth sports event) जिसका आयोजन ऑस्‍ट्रेलिया (Australia)में हुआ था इसमें हुऐ सांस्कृतिक कार्यक्रमों (Cultural events) में भी ये शामिल हुऐ थे इसके बाद ये पढाई छोडकर पूरी तरह से डासिंग और एक्टिंग पर ध्यान देना शुरू कर दिया था क्‍योंकि ये पूरी तरह से पर्दे पर करने का मन बना चु‍के थे तो अपने सपने को पूरा करने के लिए सुशांत मुंबई चले गए

मुम्‍बई पहुॅच कर इन्‍होंने Nadira babbar के ‘एकजुट’ थिएटर (Theater) में ढाई साल काम किया उस दौरान उन्होंने टीवी पर नेस्ले मंच के विज्ञापन (Nestlé stage ads) में काम किया वो विज्ञापन पुरे देश में बहुत मशहूर हो गया था इसके बाद 2008 में सबसे पहले Balaji Telefilms की कास्टिंग टीम ने इन्‍हें नोटिस किया जिसके बाद उनके करियर की शुरूआत ‘Kis Desh Mein Hai Mera Dil’ नामक Serial से हुई लेकिन Zee TV का शो ‘Pavitr Rishta’ उनके करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुआ सुशांत सिंह ने वर्ष 2008 से 2016 तक कुल 6 टीवी सीरियल के लिए काम किया जिनके नाम इस प्रकार हैं. Kis Desh Mein Hai Mera Dil , Jara Nach Ke Dikha Dance Show , Jhalak Dikhalaaja 4, Pavitr Rishta, CID और Kumkum Bhagya शामिल हैं

लेकिन जून 2009 से सुशांत सिंह राजपूत ने Pavitr Rishta Serial में एक बहुत ही समझदार और गंभीर मानव देशमुख का किरदार निभाया था इस सीरियल में बेहतरीन किरदार निभाया था इस सीरियल में उन्होंने जो किरदार निभाया उसके लिए उन्हें Best Actor Award दिया गया और साथ ही Most famous actor award से भी सम्म्नानित किया गया था मई 2010 में ये ‘Jara Nachake Dikha 2’ डांस रियलिटी शो में भी नजर आये थे और दिसम्‍बर 2010 में ‘Jhalak Dikhala Ja 4’ Dance reality show में भी हिस्सा लिया था

सुशांत सिंह का फिल्‍मी करियर (Sushant Singh's film career)

इसके बाद सुशांत ने फिल्मों का रूख कर लिया और ‘Kai Po Che’ Film से अपना फिल्मी सफर शुरू किया था Abhishek Kapoor की ‘Kai Po Che’ Film में Sushant को Main character निभाने के लिए चयन भी किया गया था और उन्हें Raj Kumar Rao और Amit Sadh के साथ में काम करने का मौका भी मिला Chetan Bhagat  की Novel 3 mistakes of my life पर आधारित इस फिल्म ने Box office पर काफी अच्छी कमाई भी की थी इसके बाद मनीष शर्मा की निर्देशित फिल्‍म “Shuddh Desee Romaans” इनकी दूसरी फिल्‍म थी इस फ़िल्म का निर्माण Yash raj Flim ने किया था यह फ़िल्म लिव इन रिलेशनशिप पर आधारित थी और इसे राजस्थान के जयपुर में बनाया गया था इस फिल्‍म में Parineeti Chopra और Vani Kapoor नजर आयींं थीं

सुशांत वर्ष 2014 में आई फिल्‍म "Pk"में भी नजर आये थे इस फिल्‍म में इन्‍होंने Aamir Khan और Anushka Sharma के साथ नजर आये थे इसके बाद 2016 में Neeraj Pandey की Indian cricketer Mahendra Singh Dhoni के जीवन पर आधारित फ़िल्म ‘‘M.S. Dhoni: The Untold Story’’ फ़िल्म में सुशांत सिंह राजपूत नजर आये थे इस फिल्मे में उन्होंने Indian Batsman और टीम इंडिया के कप्तान महेंद्रसिंह धोनी का अहम किरदार निभाया था 2017 में एम एस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी फिल्म के लिए उनको Best actor के अवार्ड से सम्मानित किया गया था सुशांत की Last film chhichhore थी जो वर्ष 2019 में रिलीज हुई थी सुशांत राजपूत की 2020 में भी दो फिल्‍में आने वाली थीं जो इस प्रकार है . दिल बेचारा, पानी

सुशांत सिंह राजपूत का निधन (death of sushant singh rajput)

सुशांत सिंह राजपूत ने 14 June 2020 को महज 34 साल की उम्र में अपने मुम्‍बई स्थित घर Suicide कर ली उनकी Death की वजह depression बताई जा रही है

Tag - biography of sushant singh rajput, sushant singh rajput movies, Sushant Singh Rajput dead, Did you know Sushant Singh Rajput ,

क्‍या होता है नार्को टेस्ट और ये कैसे किया जाता है - What is a narco test and how it is done

$
0
0

नार्को टेस्‍ट एक ऐसा टेस्‍ट है जिसका प्रयोग अपराधी या आरोपी व्यक्ति से सच उगलवाने के लिए किया जाता है आपने कई बार समाचार पत्रों में और न्‍यूज चैनलों पर इस टेस्‍ट के बारे में सुना होगा पर क्‍या आप जानते हैं ये टेस्‍ट क्‍या होता है और कैसे किया जाता है अगर नहीं तो आइये जानते हैं क्‍या होता है नार्को टेस्ट और ये कैसे किया जाता है 


दरअसल ये टेस्‍ट उन अपराधीयों पर किया जाता है जो अपराधी आपने अपराध को छुपानी की कोशिश कर रहा हो या अपराध के बारे में पता होने पर भी पुलिस या जॉच ऐजेंसीयों को नहीं बता रहा है तो ऐसे कैस में अपराधी का नार्को टेस्‍ट किया जाता है और आजकल भारत में यह टेस्‍ट बहुत ही प्रचलित है हर छोटे बडे कैस में नार्को टेस्‍ट की मांग की जाती है और ऐसा माना जाता है कि इस टेस्‍ट को होने के बाद सब सच बाहर आ जाऐगा और कैस सोल्‍व हो जाऐगा लेकिन ऐसा विल्‍कुल भी नहीं है कि जिस अपराधी पर नार्को टेस्‍ट हो रहा है वो विल्‍कुल सही ही बोले कई बार बहुत शातिर आपराधी  इस टेस्‍ट को कर  रही टीम को भी चकमा दे देते हैं तो ये 100 प्रतिशत सही नहीं माना जाता है ये टेस्ट फॉरेंसिक एक्सपर्ट, जांच अधिकारी, डॉक्टर और मनोवैज्ञानिक आदि की टीम एकसाथ मिलकर करती है 

कैसे होता है नार्को टेस्‍ट 

इस नार्को टेस्ट में अभियुक्त के शरीर में ट्रुथ ड्रग नाम की एक साइकोएक्‍टिव दवा या फिर सोडियम पेंटोथोल या सोडियम अमाइटल नाम का इंजेक्‍शन लगाया जाता है  इससे अभियुक्त के  शरीर की नशों  में जाते है, यह केमिकल अपनी प्रतिक्रिया दिखने लग जाता है, जिसका परिणाम अभियुक्त गहरी नींद में जाने लगता है, जिसको बेहोशी की हालत भी कहा जा सकता है, इस हालत में व्यक्ति को न तो पूरी बेहोशी ही आती है और न ही पूरा होश में रहता है इस दवा का असल कुछ समय के व्‍यक्ति के सोचने समझने की छमता को खत्‍म कर देता है और व्‍यक्ति न चाहते हुऐ भी सच बोलता है इस टेस्‍ट के दौरान व्‍यक्ति के शरीर की प्रतिक्रिया भी देखी जाती है जिसमें व्‍यक्ति को स्‍क्रीन पर कुछ विजुअल दिखाये जाते हैं जिसमें शुरूआत में कुछ वेसिक विजुअल दिखाये जाते हैं और बाद में कैस से जुडे कुछ फोटो और विडियों उस व्‍यक्ति को दिखाये जाते हैं और फिर व्‍यक्ति के शरीर की प्रतिक्रिया भी देखी जाती है और उसके शरीर की प्रतिक्रिया से पता चलता है ि‍कि व्‍यक्ति उस कैस से जुडा है या नहीं  

नार्को टेस्‍ट से पहले की सावधानियां (Precaution before narco test)

आपको बता दें इस टेस्‍ट को करने से पहले व्‍यक्ति की शरीर की पूरी तरह से जॉच की जाती है पूर्ण रूप से स्‍वथ्‍य व्‍यक्ति के साथ ही इस टेस्‍ट को किया जाता है व्‍यक्ति के शरीर जेंडर और उम्र के हिसाब से इस टेस्‍ट की दवा दी जाती है यदि व्यक्ति बीमार अधिक उम्र या शारीरिक और दिमागी रूप से कमजोर होता है तो इस टेस्ट का परीक्षण नहीं किया जाता है कई बार इस दवा की ज्‍यादा डोज व्‍यक्ति के घातक सावित हो सकती है साल 2010 में केजी बालाकृष्णन की तीन जजों की खंडपीठ ने कहा था कि जिस व्यक्ति का नार्को टेस्ट या पॉलीग्राफ टेस्ट लिया जाना है उसकी सहमति बहुत जरूरी है. इसीलिए सीबीआई या किसी अन्य एजेंसी को नार्को टेस्ट के लिए कोर्ट से अनुमत‍ि लेना जरूरी होता है लेकिन कई कैसों में केवल कोर्ट के आदेश पर भी ये टेस्‍ट की जा सकता है चाहे जिस पर ये टेस्‍ट होना है वो व्‍यक्ति सहमत हो या ना हो 

हालांकि देश में नार्को परीक्षण के अलावा सच उगलवाने के लिए पॉलीग्राफ, लाईडिटेक्टर टेस्ट और ब्रेन मैपिंग टेस्ट किया जाता है


Countries and their currency in Hindi - देश और उनकी मुद्रायें

$
0
0
पूरी दुनियॉ में कुछ भी खरीदने के लिये धन की जरूरत होती है जैसे भारत (India)की मुद्रा है रूपया, इसी प्रकार दुनिया के कई देशों में अलग-अलग प्रकार की मुद्राओं का चलन है, आईये जानते हैं उसके बारें में - 

Countries and their currency in hindi
Countries and their currency

देश और उनकी मुद्रा - Countries and their currency

  1. भारत (India) की मुद्रा रूपया (Rupee) है
  2. पाकिस्तान (Pakistan) की मुद्रा पाकिस्तानी रूपया (Pakistan Rupee) है
  3. श्री लंका (Sri Lanka) की मुद्रा श्री लंकन रूपया (Sri Lankan Rupee) है
  4. बंग्लादेश (Bangladesh) की मुद्रा टका(Taka) है
  5. अफगानिस्तान (Afghanistan) की मुद्रा अफगानी (Afghani) है
  6. अल्जीरिया (Algeria) की मुद्रा दिनार (Dinar) है
  7. अर्जेंटीनाकी (Argentina) मुद्रा पीसो (Peso) है 
  8. ऑस्ट्रेलिया (Australia) की मुद्रा डॉलर (Dollar) है 
  9. बहरीन (Bahrain) की मुद्रा बहरीन दिनार (Dinar) है
  10. नेपाल  (Nepal) की मुद्रा नेपाली रुपी (Nepalese rupee) है
  11. स्विट्ज़रलैंड (Switzerland) की मुद्रा फ्रैंक ( Franc) है
  12. ग्रेटब्रिटेन (Great Britain) की मुद्रा पौंड (Pound) है 
  13. जर्मनी (Germany) की मुद्रा यूरो (Euro) है
  14.  फ्रांस (France) की मुद्रा यूरो (Euro) है
  15. इंडोनेशिया (Indonesia) की मुद्रा इण्डोनेशियाई रुफी (Indonesian Rufi) है
  16. वियतनाम (Vietnam) की मुद्रा यूरो (Euro) है
  17. चीन (China) की मुद्रा युआन (Yuan) है
  18. जापान (Japan) की मुद्रा येन (Yen) है
  19. स्वीडन (Sweden) की मुद्रा पीसो (Peso) है
  20. ईरान (Iran) की मुद्रा रियाल (Riyal) है
  21. ईराक (Iraq) की मुद्रा दीनार (Dinar) है
  22. लीबिया (Libya) की मुद्रा दीनार (Dinar) है
  23. फिजी (Fiji) की मुद्रा डॉलर (Dollar) है
  24. कोलम्बिया (Colombia) की मुद्रा पेसो (Piso) है 
  25. ब्राजील (Brazil) की मुद्रा रियाल (Riyal) है
  26. इटली (Italy) की मुद्रा यूरो (Euro) है
countries and their capitals and currencies pdf, country and their currency list pdf, countries and their currency symbols, list of countries and their currency codes, african countries and their currency, names of currency in different countries, country capital currency pdf in hindi

43 UNESCO World Heritage Sites in India in Hindi - यूनेस्को की विश्व विरासत में शामिल भारतीय धरोहर स्थल

$
0
0
भारत अपनी सुन्दरता के लिए विश्व में जाना जाता है लेकिन आपको जानकर हर्ष होगा की भारत की 43 धरोहर इसे हैं जो यूनेस्को ने विश्व विरासत में भी शामिल किये हैं वो इस प्रकार हैं -

यूनेस्को की विश्व विरासत में शामिल भारतीय धरोहर स्थल

43 UNESCO World Heritage Sites in India in Hindi - यूनेस्को की विश्व विरासत में शामिल भारतीय धरोहर स्थल

यह भी पढें - 
  1. ताजमहल - इसे सन 1983 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था यह उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के शहर में स्थित है
  2. आगरा का किला - यह उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)के आगरा शहर में स्थित है इसे सन 1983 विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  3. अजंता की गुफाएं - यह चट्टानों को काटकर बनाए गए बौद्ध गुफ़ा मंदिर है यह भारत के महाराष्ट्र (Maharashtra)राज्य में स्थित है इसे 1983 विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  4. एलोरा की गुफाएं - यह भारत के महाराष्ट्र में स्थित है इन्हें राष्ट्रकूट वंश के शासकों द्वारा बनवाया गया था इसे सन 1983 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  5. कोणार्क का सूर्य मंदिर - यह सूर्य मंदिर भारत के उड़ीसा (Odisha)राज्य के पूरी जिले में स्थित है इसे युनेस्को द्वारा सन 1984में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था यह मंदिर भारत की सबसे प्रसिद्ध स्थलों में से एक है
  6. महाबलिपुरम् का स्मारक समूह -मंदिरों का शहर महाबलीपुरम तमिलनाडु (Tamil Nadu)की राजधानी चेन्नई से 55 किमी. दूर बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित है इसे सन 1984 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया
  7. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान - यह राष्ट्रीय उद्यान भारत के असम (Asaam) राज्य में स्थित है काजीरंगा को वर्ष 1905 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था इसे सन 1985 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया
  8. मानस वन्य जीव अभयारण्य - यह राष्ट्रीय उद्यान भारत के  असम (Asaam) राज्य में स्थित है इसे सन 1985 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  9. केवला देव राष्ट्रीय उद्यान - यह राष्ट्रीय उद्यान भारतराजस्थान (Rajasthan)राज्य में स्थित है इसे सन 1985 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  10. पुराने गोवा के चर्च - यह भारत के गोवा (Goa)में स्थित है इसे सन 1986 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  11. फतेहपुर सिकरी - यह उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) आगरा शहर में स्थित है इसे सन 1986 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  12. हम्पी स्मारक समूह - यह भारत के कर्नाटक (Karnataka)राज्य में स्थित है इसे सन 1986 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  13. खजुराहो मंदिर - यह भारत के मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh)राज्य के छतरपुर जिले में स्थित है इसे सन 1986 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  14. एलीफेंटा की गुफाएं - यह भारत के महाराष्ट्र (Maharashtra) राज्य में स्थित है इसे सन 1987 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  15. पट्टदकल स्मारक समूह - यह भारत के कर्नाटक (Karnataka) राज्य में स्थित है इसे सन 1987 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  16. सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान - यह भारत के प.बंगाल (West Bengal)राज्य में स्थित है इसे सन 1987 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  17. वृहदेश्वर मंदिर तंजावुर - यह भारत के तमिलनाडु (Tamil Nadu) राज्य में स्थित है इसे सन 1987 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  18. नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान -यह राष्ट्रीय उद्यान भारत के उत्तराखंड (Uttarakhand)में स्थित है इसे सन 1988 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  19. सांची का बौद्ध स्मारक - सांची भारत के मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) राज्य के रायसेन जिले, में स्थित है इसे सन 1989 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  20. हुमायूँ का मकबरा - यह भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है इसे सन 1993 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  21. दार्जिलिंग हिमालयन रेल - इसे टॉय ट्रेन के नाम से भी जाना जाता है भारत के प.बंगाल (West Bengal) और दार्जिलिंग के बीच चलने वाली एक छोटी लाइन की रेल है इसे सन 1999 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  22. महाबोधी मंदिर - यह मन्दिर मुख मंदिर के नाम से भी जाना जाता है यह मन्दिर बिहार (Bihar)के गया में स्थित है इसे सन 2002 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  23. भीमबेटका की गुफाएँ - यह भारत के मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) राज्य के रायसेन में स्थित है इसे सन 2003 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  24. गंगई कोड़ा चोलपुरम् मन्दिर - यह भारत के तमिलनाडु (Tamil Nadu) राज्य में स्थित है इसे सन 2004 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  25. एरावतेश्वर मन्दिर - यह भारत के तमिलनाडु (Tamil Nadu) राज्य के दारासुरम में स्थित है इसे सन 2004 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  26. छत्रपति शिवाजी टर्मिनल -यह भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई का एक ऐतिहासिक रेलवे-स्टेशन है इसे सन 2004 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  27. नीलगिरि माउंटेन रेलवे - भारत के राज्य तमिलनाडु में स्थित एक रेल प्रणाली है, जिसे 1908 में ब्रिटिश राज के दौरान बनाया गया था इसे सन 2005 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  28. फूलों की घाटी राष्ट्रीयउद्यान - भारत का एक राष्ट्रीय उद्यान है जो उत्तराखंड (Uttarakhand) के हिमालयी क्षेत्र में स्थित है इसे सन 2005 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  29. लाल किला - यह भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है यह इमारत लाल पत्थर की बनी है इसे सन 2007 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  30. कालका शिमला रेलवे - यह भारत के हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में स्थित है इसे सन 2008 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  31. सिमलीपाल अभ्यारण्य - यह भारत के उड़ीसा (Odisha) राज्य में स्थित है इसे सन 2009 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  32. नोकरेक अभ्यारण्य - यह अभ्यारण्य भारत के मेघालय (Meghalaya)में स्थित है इसे सन 2009 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  33. भितरकनिका उद्यान - यह उद्यान उड़ीसा (Odisha) राज्य के केंद्रपाड़ा जिले में स्थित है इसे सन 2010 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  34. जयपुर का जंतर-मन्तर - यह भारत के राजस्थान में स्थित है इसे सन 2010 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  35. पश्चिम घाट - यह भारत के पश्चिमी घाट पर स्थित पर्वत श्रंखला है इसे सन 2012 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  36. आमेर का किला - यह किला  राजस्थान (Rajasthan) के आमेर में स्थित है आमेर दुर्ग का निर्माण राजा मान सिंह-प्रथम ने करवाया था इसे सन 2013 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  37. रणथंभोर किला - यह किला राजस्थान (Rajasthan) में स्थित है इसे सन 2013 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  38. कुंभलगढ़ किला - यह किला राजस्थान (Rajasthan) में स्थित है इसे सन 2013 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  39. सोनार किला - यह किला राजस्थान (Rajasthan) में स्थित है इसे सन 2013 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  40. चित्तौड़गढ़ किला - यह किला  राजस्थान (Rajasthan) में स्थित है इसे सन 2013 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  41. गागरोन किला - यह किला  राजस्थान (Rajasthan) में स्थित है इसे सन 2013 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  42. रानी का वाव - भारत के गुजरात (Gujarat)राज्य के पाटण में स्थित प्रसिद्ध स्थल है इसे सन 2014 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
  43. ग्रेट हिमालय राष्ट्रीय उद्यान - यह भारत केहिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh)राज्य के कुल्लू जिले में स्थित है इसे सन 2014 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था
List of World Heritage Sites in India, 43 World Heritage Sites in India By UNESCO, List of UNESCO World Heritage Sites in India,

जानें क्‍या है महामारी एक्‍ट - Know what is Epidemic Act

$
0
0
 ये तो हम जानते हैं कि देश में कोरोना नामक महामारी ने भयंकर रूप ले लिया है हर कोई इस महामारी से परेशान है इसी को देखते हुए देश में महामारी एक्‍ट लागू किया गया है पर क्‍या आप जानते हैं क्‍या है महामारी एक्‍ट अगर नहीं तो आइये जानें क्‍या है महामारी एक्‍ट - Know what is Epidemic Act🤔🤔🤔🤔

जानें क्‍या है महामारी एक्‍ट - Know what is Epidemic Act


जानें क्‍या है महामारी एक्‍ट - Know what is Epidemic Act

भारत में महामारी में मनमानी रोकने के लिए महामारी एक्‍ट 1897 लागू किया जाता है भारतीय दंड संहिता के तहत ही ऐसे प्रावधान किए गए है कि लोगों को किसी भी तरीके का संक्रमण या जानलेवा रोग फैलाने से रोका जा सके महामारी में मनमानी रोकने के लिए इंडियन एपिडेमिक एक्ट 1897 के तहत ऐसे प्रावधान मौजूद हैं 
इस विधेयक को जेम्स वेस्टलैंड (James Westland) की अध्यक्षता वाली एक प्रवर समिति को भेजा गया, जिसने अगले ही सप्ताह 4 फरवरी, 1897 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की और इसी दिन संक्षिप्त चर्चा के पश्चात् विधेयक पारित कर दिया गया और ऐसा भी कहा गया गया कि इस विधेयक कई बाद गलत फायदा भी उठाया गया है ऐसा कहा जाता है कि ब्रिटिश काल के दौरान कई अवसरों पर यह भी देखा गया कि ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों को गिरफ्तार करने और सार्वजनिक सभाओं को रोकने के लिये इस अधिनियम का दुरुपयोग किया गया
महामारी को लेकर बनाए गए इस कानून को केंद्र सरकार या फिर राज्य सरकार लागू कर सकती है इस एक्ट में स्पष्ट है कि अगर कोई भी व्यक्ति सरकारी दिशा निर्देशों की अवहेलना करता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाए। रिपोर्टों के मुताबिक वर्ष 1897 में अस्तित्व आया था और आजादी के बाद भी केंद्र में रही सभी सरकारों ने इस एक्ट को बरकरार रखा इस एक्ट के सेक्शन 3 में यह बताया गया है कि जो भी व्यक्ति सरकारी आदेशों की अवहेलना करता है, तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। इसमें सजा के तौर पर न्यूनतम सजा 1 महीने की कैद या फाइन या फिर दोनों हो सकते हैं यह सजा बढ़कर 6 महीने की कैद या फाइन या फिर दोनों ही लगाया जा सकता है 
आईपीसी के सेक्‍सन 269 और 270 के तहत अगर कोई संक्रमित व्‍यक्ति अपने रोग के संक्रमण की गंभीरता को जानने के बाबजूद स्‍वस्‍थ्‍य लोगों में इंफेक्‍शन या फिर बीमारी को फैलाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सकती है 
यह अधिनियम तकरीबन 123 वर्ष से अधिक पुराना है जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization-WHO) और संयुक्त राष्ट्र (United Nations-UN) जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की स्थापना भी नहीं हुई थी। इस प्रकार यह अधिनियम इन संगठनों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्य करने में असमर्थ है

कब लागू किया गया महामारी एक्‍ट - When was the epidemic act implemented

भारतीय गवर्नर जनरल की परिषद (Council of the Governor General of India) के सदस्य जे. वुडबर्न (J Woodburn) ने सर्वप्रथम 28 जनवरी, 1897 को ‘ब्लैक डेथ’ के नाम से प्रसिद्ध ब्यूबोनिक प्लेग (Bubonic Plague) के प्रकोप के दौरान महामारी रोग विधेयक को प्रस्तुत किया था इसके बाद वर्ष 2018 में गुजरात के एक गांव में हैजा फैलने पर इस एक्ट का प्रयोग किया गया था वर्ष 2015 में डेंगू और मलेरिया का संक्रमण फैलने पर चंडीगढ़ में और वर्ष 2009 में स्वाइन फ्लू के मामले में पुणे में इस अधिनियम को लागू करने की घोषणा की गई थी 

Tag - The Epidemic Act Of India 1897, the Epidemic Diseases Act, 


जानें घडी का आविष्‍कार कब,कैसे और क्‍यों हुआ - Know when, how and why the clock was invented

$
0
0
घडी एक समय बताने वाला उपकरण है जो आजकल घडी समय बताने का नहीं वल्कि फैशन के लिए भी पहनी जाती है आज के समय में घडी सस्‍ती से लेकर काफी महंगी तक आती है हालांकि आजकल समय देखने के और भी विकल्‍प मौजूद हैं फिर भी घडी की अपनी महत्‍वता है तो आइये जानें घडी का आविष्‍कार कब,कैसे और क्‍यों हुआ - Know when, how and why the clock was invented

जानें घडी का आविष्‍कार कब,कैसे और क्‍यों हुआ - Know when, how and why the clock was invented

यह भी पढें - गलती से हुए थे विज्ञान के ये आविष्‍कार

ऐसा माना जाता हैै कि सबसे पहले सूर्य के मुताबिक समय का अनुमान लगाया जाता था लेकिन आसमान में बादल होने की स्थिति में समय का अनुमान नहीं लग पाता था इसके बाद जल घड़ी का आविष्कार हुआ जिसका श्रेय चीन को जाता है चीन देशवासियों ने लगभग तीन हजार वर्ष पहले इस घडी का आविष्‍कार किया था लगभग सवा दो हज़ार साल पहले प्राचीन यूनान यानी ग्रीस में पानी से चलने वाली अलार्म घड़ियाँ तैयार की जिममें पानी के गिरते स्तर के साथ तय समय बाद घंटी बज जाती थी

इसके बाद इंग्लैंड के एलफ़्रेड महान ने मोमबत्ती की सहायता से समय का अनुमान लगाने की विधि बनाई जिसमे उन्होने एक मोमबत्ती पर समान दूरियो पर चिन्ह अंकित किये और मोमबत्ती के पिघलने से समय का अनुमान लगाया जाता था

लेकिन आधुनिक घड़ी के आविष्कार का श्रेय जाता है पोप सिलवेस्टर द्वितीय को जाता है जिन्होंने सन् 996 में घड़ी का आविष्कार किया यूरोप में घड़ियों का प्रयोग 13वीं शताब्दी के मध्‍य में होने लगा था इसके अलावा सन 1288 मे इंग्लैंड के वेस्टमिस्टर के घंटाघर मे और अलबान्स मे सन 1326 मे घड़ियाँ लगाई गई

सन् 1300 में हेनरी डी विक ने पहिया डायल तथा घंटा निर्देशक सूईयुक्त पहली घड़ी बनाई थी जिसमें सन् 1700 ई. तक मिनट और सेकंड की सूइयाँ तथा दोलक लगा दिए गए थे आजकल की यांत्रिक घड़ियाँ इसी शृंखला की संशोधित कड़ियां हैं

इसके बाद 1504 में डिमिनीश हेनलेन ने एक टाइमपीस बनाया जिसे पहनना और कहीं भी ले जाना आसान था लेकिन ये टाइमपीस सहीं समय नहीं बताती थी क्‍योंकि ये लोगों के घूमने के साथ टाइम बदल देती थी डिमिनीश हेनलेन के बाद पटेक फिलिप ने उन्‍नीसवीं शताब्‍दी में कलाई घडी का आविष्‍कार किया इन्‍होंने महिलाओं के लिए कलाई घडी बनाई थी और लुई कार्टियर ने बीसवीं शताब्‍दी में पुरूषों के लिए घडी विकसित की थी

इतिहासकारों के मुताबिक सन 1577 में घड़ी की मिनट वाली सुई का आविष्कार स्विट्ज़रलैंड के जॉस बर्गी द्वारा उनके एक खगोलशास्त्री मित्र के लिए किया गया था

सबसे पहली हाथ घड़ी पहनने वाले व्यक्ति थे फ़्राँसीसी गणितज्ञ और दार्शनिक ब्लेज़ पास्कल जो घड़ी को रस्सी के जरिये अपने हाथ पर बाँध लिया करते थे ताकि काम करते करते भी वो आसानी से समय देख सकें ये वही ब्लेज़ पास्कल हैं जिन्हें कैलकुलेटर का आविष्कारक भी माना जाता है इससे पहले लोग घडी को जेब में रखकर घूमते थे

इसके बाद 1504 में डिमिनीश हेनलेन ने एक टाइमपीस बनाया जिसे पहनना और कहीं भी ले जाना आसान था लेकिन ये टाइमपीस सहीं समय नहीं बताती थी क्‍योंकि ये लोगों के घूमने के साथ टाइम बदल देती थी डिमिनीश हेनलेन के बाद पटेक फिलिप ने उन्‍नीसवीं शताब्‍दी में कलाई घडी का आविष्‍कार किया इन्‍होंने महिलाओं के लिए कलाई घडी बनाई थी और लुई कार्टियर ने बीसवीं शताब्‍दी में पुरूषों के लिए घडी विकसित की थी
Tag - When the first clock was invented, History of timekeeping devices, The first modern-day clock, A History of Clocks, A brief history of telling time, who invented the first clock

क्‍या होती है महामारी कैसे होती है इसकी घोषणा - What is an epidemic

$
0
0
क्‍या होती है महामारी कैसे होती है इसकी घोषणा - What is an epidemic - जैसा कि हम जानते हैं कोरोना वायरस ((Coronavirus disease - COVID-19))से पूरी दुनियॉ में तहलका मचा रखा है दुनियॉभर में लगभग 114 देश इस वायरस की चपेट में हैं इस वायरस की चपेट में आने से लगभग 4500 लोग अपनी जान गवा चुके हैं और लगभग 119000 लोग इसकी चपेट में हैं इस बिमारी को महामारी घोषित किया गया है पर क्‍या आप जानते हैं क्‍या है होती है महामारी कैसे होती है इसकी घोषणा अगर नहीं तो आइये जानते हैं क्‍या है होती है महामारी कैसे होती है इसकी घोषणा - What is an epidemic 

क्‍या है होती है महामारी कैसे होती है इसकी घोषणा - What is an epidemic

वह बीमारी जो दुनिया भर में फैल जाती है उसे पैनडेमिक या महामारी कहते हैं जबकि एपिडेमिक किसी एक देश, राज्य, क्षेत्र या सीमा तक सीमित होती है जब कोई बिमारी इतनी भयानक हो गई हो कि उसके लक्षणों या प्रकृति में कोई बड़ा बदलाव नहीं हो जाता है और वह किसी एक देश या सीमा तक सीमित न रही हो और दुनिया के कई देशों में बड़े पैमाने पर फैलने लगती है तो उसको उस बिमारी को महामारी घोषित किया जाता है

कैसे घोषित होती है महामारी - How is an epidemic declared

महामारी की घोषणा WHO (world health organization) द्वारा की जाती है साथ ही यह भी ध्यान रखा जाता है कि महामारी घोषित होने के बाद कोई अनावश्यक खौफ या डर की स्थिति पैदा न हो जाए जब कई देशों में स्थानीय स्तर पर आपस में लोगों के बीच बीमारी लगातार फैलने लगती है तब ही उसको महामारी घोषित किया जाता है जैसे साल 1918 से 1920 तक फैले स्पैनिश फ्लू को महामारी घोषित किया गया था क्योंकि इससे कई देशों में बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए थे इससे करोड़ों मौत हो गई थी वहीं 2014-15 में फैले इबोला को एपिडेमिक घोषित किया गया क्योंकि यह बीमारी लाइबेरिया और उसके पश्चिम अफ्रीका के कुछ पड़ोसी देशों में फैली थी महामारी घोषित होने के बाद यह सरकार के लिए एक तरह अलर्ट का काम करता है सरकार और हेल्थ सिस्टम को बीमारी से निपटने के लिए विशेष तैयारी करनी पड़ती है

Tag - Epidemic vs. Pandemic, types of epidemics, epidemic definition,

जानें कोरोना वायरस के बारे में - Know about coronavirus in Hindi

$
0
0
जानें कोरोना वायरस के बारे में - Know about coronavirus in Hindi -आज कल ये नाम काफी सुर्खियों में है इस वायरस की चपेट में अब तक लगभग 168 देश हैं और लगभग 14 लाख से अधिक लोग इसकी चपेट में हैं ये वायरस चीन से शुरू होकर अब पूरे विश्‍व में अपने पांव फैला रहा है तो आइये जानें कोरोना वायरस के बारे में - Know about coronavirus

जानें कोरोना वायरस के बारे में - Know about coronavirus in Hindi

अमेरिकाके सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीएस) के अनुसार ये वायरस जानवरों से मनुष्यों तक पहुंच जाता है यह वायरस जानवरों से इंसानों में फैलता है वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार यह वाइरस सी-फूड से जुड़ा है और इसकी शुरुआत चाइना के हुवेई प्रांत के वुहान शहर के एक सी-फूड बाज़ार से ही हुई मानी जा रही है डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल रहा है चीन से शुरू हुआ ये वायरस अब थाईलैंड, सिंगापुर, जापान में फैल रहा है हाल ही में इंग्लैंड में भी एक परिवार के इस वायरस की चपेट में आने की जानकारी सामने आई है इस वायरस के तेजी से फैलने के कारण भारत सरकार ने दिल्ली, मुंबई और कोलकाता हवाई अड्डों पर चीन से आने वाले पर्यटकों की एहतियातन थर्मल स्कैनर (Thermal Scanner) के जरिए जांच करने के निर्देश दिए हैं और अब भारत में बढते कोरोनावायरस केे बढते मामलोंं को देखते हुऐ भारत में 22 मार्च 2020 से संपूूर्ण लॉकडाउन कर दिया गया है

कोरोना वायरस के लक्षण - Symptoms of corona virus

  • सिरदर्द
  • नाक बहना
  • खांसी
  • गले में ख़राश
  • बुखार
  • अस्वस्थता का अहसास होना
  • छींक आना, अस्थमा का बिगड़ना
  • थकान महसूस करना
  • निमोनिया, फेफड़ों में सूजन

कोरोना वायरस से बचाव - Corona virus protection


  • अपने हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोएं अगर साबुन ना हो तो सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें
  • कहीं भी बाहर से आने या कुछ भी खाने से पहले अपने हाथ अच्छी तरह साफ करें
  • बीमार लोगों से दूरी बना रखें उनके बर्तन का इस्तेमाल ना करें और उन्हें छुए भी नहीं
  • घर को साफ रखें और बाहर से आने वाली चीज़ों को भी साफ करके ही घर में लाएं
  • नॉन वेज खासकर सी-फूड खाने से बचें, क्योंकि कोरोना वायरल सी-फूड से ही फैला है
  • पब्लिक ट्रांसपोर्ट का यूज करने के बाद हाथ साफ किए बिना उन्हें अपने चेहरे और मुंह पर ना लगाएं

Tag - Coronavirus infection, how is coronavirus treated, How does the new coronavirus spread, What Is the Coronavirus, Know about coronavirus in Hindi

बजट 2020 के बारे में महत्‍वपूर्ण जानकारी – Important information about Budget 2020

$
0
0
मोदी सरकार ने 1 फरवरी 2020 को अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजटपेश किया है इस बजट को देश की पहली पूर्णकालीन महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया तो आइये जानते हैं बजट 2020 के बारे में महत्‍वपूर्ण जानकारी – Important information about Budget 2020

बजट 2020 के बारे में महत्‍वपूर्ण जानकारी – Important information about Budget 2020



  • इस बजट के अनुसार 5 लाख तक की आय पर कोई टैक्‍स नहीं देना होगा
  • किसानों की आय दोगुना करना के लक्ष्य 2022 तक तय किया जाऐगा
  • आधार के आधार पर तत्काल पैन के ऑनलाइन आबंटन को लेकर जल्दी ही व्यवस्था शुरू की जाएगी, इसके लिये कोई आवेदन फार्म भरने की जरूरत नहीं होगी
  • 11 करोड़ किसान फसल बीमा योजना का लाभ दिया जाऐगा
  • खेती, मछली पालन पर जोर, कृषि को प्रतिस्पर्धात्मक बनाया जाएगा उनके लिए उन्नति लाई जाएगी
  • पानी की कमी से संबंधित कमी देश भर में गंभीर विषय 100 प्रभावित जिलों के लिए जरूरी उपाय किए जाएंगे
  • पीएम कुसुम योजना के तहत 20 लाख किसानों को सोलर पंप दिए जाएंगे
  • पांच करोड़ रुपये तक के कारोबार करने वाले के खातों के ऑडिट की आवश्यकता नहीं
  • महिलाओं के धन लक्ष्मी योजना शुरू की जाएगी
  • चलेगी किसानों के लिए रेल, जल्दी खराब होने वाली वस्तुएं जैसे कि दूछ मांस मछली के चलेगी
  • 2022-23 तक मत्स्य उत्पादन बढ़ाकर 200 लाख टन करने का प्रस्ताव
  • 2020-21 के लिए 15 लाख करोड़ का कृषि ऋण लक्ष्य
  • प्रधानमंत्री किसान योजना के सभी पात्र लाभार्थी केसीसी स्कीम में शामिल होंगे
  • पीपीपी मॉडल से स्टेशनों के पुर्नविकास की चार परियोजनाएं शुरू की जाएंगी
  • उड़ान स्कीम को बढ़ावा देने के लिए 100 नए वायुपत्तन कानिर्माण किया जाएगा
  • 2020-21 में परिवहन अवसंरचना के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव
  • राष्ट्रीय गैस ग्रिड को मौजूदा 16200 किमी से बढ़ाकर 27 हजार किमी तक पहुंचाने का प्रस्ताव
  • तेजस एक्सप्रेस जैसी निजी ट्रेनों को और नए रूटों पर चलाया जाएगा
  • मानव रहित रेल फाटकों को समाप्त किया गया है
  • 550 स्टेशनों पर वाईफाई को शुरू किया गया है
  • रेलवे की खाली जमीन पर सौर उर्जा उत्पादन की पहल की जाएगी
  • शिक्षा क्षेत्र के लिए लगभग 99,300 करोड़ रुपये का प्रस्ताव
  • मार्च 2021 तक 150 उच्चतर शिक्षण संस्थान शिक्षुता संबंद्ध कोर्स की शुरुआत का प्रस्ताव
  • राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय और न्यायायिक विज्ञान विश्वविद्यालय का प्रस्ताव
  • स्टडी इन इंडिया कार्यक्रम के तहत इंड-सैट का एशिया और अफ्रीका में संचालन होगा
  • पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर मेडिकल कॉलेज बनाए जाएंगे
  • अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़े वर्ग के लिए 85 हजार करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था
  • अनुसूचित जाति के विकास और कल्याण को आगे बढ़ाने के लिए 53700 करोड़ रुपये का प्रावधान
  • वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए 9500 करोड़ रुपये का आवंटन
  • सरकारी बैंको को मजबूत बनाने के लिए बैंकिंग विनियम अधिनियम में संशोधन किया जाएगा
  • 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में स्वच्छ हवा के लिए 4400 करोड़ रुपए का प्रवधान
  • प्रदूषण फैलाने वाले थर्मल प्लांट बंद होंगे
  • ग्राम पंचायतों को हाई स्पीड ब्रॉडबैंड से जोड़ने वाले ‘भारतनेट’ कार्यक्रम के लिए 2020-21 में 6,000 करोड़ रुपये आवंटित एक लाख ग्राम पंचायतों को इससे जोड़ा जाएगा
  • अगले तीन साल में सभी के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाये जाऐंगे बिजली ग्राहक को सिम कार्ड की तरह विजली वितरण कंपनी चुनने की आजादी होगी

बजट 2020 में ये चीजें हुईं महंगी - These things became expensive in budget 2020


  • सिगरेट और तंबाकू प्रोडक्ट्स पर एक्साइज ड्यूटी बढी
  • इंपोर्टेड फुटवियर और फर्नीचर पर कस्टम ड्यूटी बढी
  • मेडिकल इक्विपमेंट के इंपोर्ट पर हेल्थ सेस बढा
  • वॉल फैन पर कस्टम ड्यूटी 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी गयी है
  • चीनी मिटटी से बने टेबलवियर / किचनवियर या चीन सिरेमिक, लोहा मिट्टी, स्टील, तांबा पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी गई है
  • एसी-रेफ्रिजरेटर कंप्रेशर 10 फीसदी से 12 फीसदी महंगे
  • मोबाइल फोन महंगे होंगे
  • कमर्शियल व्हीकल पर कस्टम ड्यूटी 30 फीसदी से बढ़कर 40 फीसदी होगी
  • कमर्शियल इलेक्ट्रिक व्हीकल पर कस्टम ड्यूटी 25 फीसदी से 40 फीसदी कर दी गई है
  • क्लिप, स्टैपल जैसे स्टेशनरी आइटम 10 से 20 फीसदी महंगे होंगे
  • खिलौने महंगे होंगे

बजट 2020 में ये चीजें हुईं सस्‍ती - These things happened in budget 2020 cheap


  • कच्‍ची चीनी
  • वानिकी पशु आधारित उत्‍पाद
  • दुना बेत
  • स्किम्‍ड दूध
  • अल्‍कोहल युक्‍त पेय पदार्थ
  • सोया फाइबर
  • सोया प्रोटीन

Tag - Budget 2020 Updates, Budget 2020 Highlights, Union Budget 2020, Budget 2020, Important information about Budget 2020

जानें क्‍या हैै प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना - Know What is Pradhan Mantri Swanidhi Yojana

$
0
0
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीकी अध्‍यक्षता में एक जून को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस योजना की घोषणा की गई है इस योजना को रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदारों को ध्‍यान में रखते हुऐ तैयार किया गया है तो आइये जानते हैं जानें क्‍या हैै प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना - Know What is Pradhan Mantri Swanidhi Yojana

जानें क्‍या हैै प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना - Know What is Pradhan Mantri Swanidhi Yojana

जानें क्‍या है प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना - Know What is Pradhan Mantri Swanidhi Yojana

दरअसल देश में कोरोना वायरसके चलते लॉकडाउन किया गया था और इस लॉकडाउन से रेहड़ी-पटरी लगाने वाले लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है इन्‍हीं लोगों की परेशानी को कम करने के‍ लिए मोदी सरकार ने पीएम स्‍वनिधी योजना की शुरूआत की है इस योजना के तहत रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदारों को छोटी राशि का कर्ज उपलब्‍ध कराया जाएगा इस पर ब्‍याज की दर भी कम होगी

इस योजना के तहत बिना किसी गारंटी के अधिकतम 10 हजार रुपये तक का लोन मिलेगा यह कारोबार को शुरू करने में मदद करेगा इस लोन को बेहद आसान शर्तों के साथ दिया जाएगा सड़क किनारे ठेले या रेहड़ी-पटरी पर दुकान चलाने वालों के साथ-साथ फल-सब्जी, लॉन्ड्री, सैलून और पान की दुकानें चलाने वाले भी इस लोन का लाभ उठा सकते हैं समय से लोन का भुगनान करने वालों को ब्‍याज में खास छूट भी दी जाएगी सरकार ने स्‍ट्रीट वेंडरों की मदद की खातिर इस स्‍कीम के लिए 5000 करोड़ रुपये की राशि रखी है लोन लेने वाले व्यक्तियों को पुनः भुगतान की जिम्मेदारी लेनी होगी और कम से कम 6 महीने के अंदर उन्हें बचत करके लोन की राशि चुकाना आरंभ करना होगा

सरकार का ऐसा मानना है कि इस योजना से 50 लाख से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा इससे ये लोग कोरोना संकट के समय अपने कारोबार को नए सिरे से खड़ा कर आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देंगे इस स्‍कीम केबारे में पिछले महीने वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज में एलान किया था 

इस योजना के लिए अभी ऑनलाइन को कोई व्‍यवस्‍था नहीं है लेकिन जल्‍द ही इसके आवेदन के बारे में जानकारी आपको दे दी जाऐगी

Tag - Center launches 'PM Swanidhi' scheme,pm modi

कुछ हिन्‍दू परम्पराएं और उनके वैज्ञानिक कारण - Some Hindu traditions and their scientific reasons

$
0
0

 दोस्‍तो हम लोग कितने भी आधुनिक हो जाएं लेकिन आज भी ऐसी कुछ परंपरा और रीति-रिवाज हैं जो सदियों से लोग निभाते आ रहे हैं और निभाते रहेंगे क्योंकि यही हिन्‍दू धर्म की पहचान है कई लोग हमारी परंपराओं हमारी संस्कृति और रीति-रिवाजों पर सवाल खड़े करते हैं कि यह बस हमारा अंधविश्वास है और कुछ नहीं आइए जानते हैं हिन्‍दू धर्म की कुछ ऐसी परंपराओं और रीति-रिवाजों के बारे में जिन पर लोगों का अंधविश्वास है तो आइये जानते है कुछ हिन्‍दू परम्पराएं और उनके वैज्ञानिक कारण - Some Hindu traditions and their scientific reasons

कुछ हिन्‍दू परम्पराएं और उनके वैज्ञानिक कारण - Some Hindu traditions and their scientific reasons


कुछ हिन्‍दू परम्पराएं और उनके वैज्ञानिक कारण - Some Hindu traditions and their scientific reasons

दोनों हाथों को जोड़कर नमस्कार करना

हिन्‍दू धर्म में हाथ जोडकर नमस्‍कार करने की एक परम्‍परा है या पूजा पाठ के समय हाथ जोड़े जाते है दरअसल हाथ जोड़ना सम्मान का प्रतीक है 
लेकिन इसका वैज्ञानिक तर्क भी है दरअसल हाथ जोडने से जब दोनों हाथों को जोड़कर नमस्कार किया जाता है तो अंगुलियों के टिप्स आपस में जुड़ जाते हैं यह टिप्स कानों, आंखों और दिमाग के प्रेशर पॉइंट होते हैं जब दोनों हाथों को जोड़कर नमस्कार किया जाता है तो प्रेशर पॉइंट सक्रिय हो जाते हैं, जिससे आप किसी व्यक्ति को लम्बे समय तक याद रख पाते हैं 

माथे पर तिलक लगाना 

हिन्दू धर्म के अनुसार धार्मिक अवसरों, शादी-विवाह, त्यौहार या पूजा पाठ के समय चन्दन, कुमकुम या सिंदूर से माथे पर तिलक लगाया जाता है हिन्दू परम्परा के अनुसार माथे पर तिलक लगाना बहुत ही शुभ माना गया है
इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि मानव शरीर में दोनों आँखों के बीच में एक चक्र होता है इसी चक्र पर तिलक लगाया जाता है इस चक्र पर एक नस होती है जिससे पूरे चेहरे पर रक्त का संचार होता है जब माथे पर तिलक लगाया जाता है तो उस चक्र पर ऊँगली या अंगूठे से दबाव बनता है जिससे वह नस ज्यादा सक्रिय हो जाती है और पूरे चेहरे की माँस पेशियों में बेहतर तरीके से रक्त संचार करती है जिससे ऊर्जा का संचार होता है और एकाग्रता बढ़ती है तथा चेहरे पर रौनक आती है साथ ही महिलाएं जो सिंदूर लगाती हैं, उसमें हल्दी, चूना एवं पारा होता है, जो ब्लडप्रेशर को नियंत्रित करता है 

नदी में सिक्कों का फेंकना

ये तो हम जानते हैं हमारे देश में नदीयॉ को देवी माना जाता है और उन्‍हीं के सम्‍मान नदीयॉ में सिक्‍का फेंकने की परंपरा है ऐसा भी कहा जाता है कि नदीयॉ में सिक्‍का फेंकना भाग्‍य के लिए अच्‍छा माना जाता है
इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि सिक्के कॉपर के बने होते हैं और जब हम इन्हें नदी में फेंकते हैं तो कई बार हमें नदी के पानी से कॉपर मिलता है नदी का पानी-पीने के लिए उपयोग में लाया जाता है तो इससे शरीर में कॉपर का संतुलन बना भी रहता है 

व्रत रखना / उपवास रखना

हिन्दू धर्म में महिलाऐं और पुरूष अपनी अपनी श्रद्दा और आस्था के अनुसार अलग अलग देवी, देवताओं को मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं मान्यता के अनुसार व्रत रखने से देवी, देवता प्रसन्न होते हैं तथा कष्टों और परेशानियों को दूर करके, मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं 
इसका वैज्ञानिक कारण है जिसके तहत व्रत रखने से और दिन भर में सिर्फ फल खाने से पाचन क्रिया को आराम मिलता है जिससे पाचन तन्त्र ठीक रहता है और शरीर से हानिकारक तथा अवांछित तत्व बाहर निकल जाते हैं जिससे शरीर तथा स्वास्थ्य ठीक रहता है। एक शोध के अनुसार सप्ताह में एक दिन व्रत रखने से कैंसर, मधुमेह तथा ह्दय सम्बन्धी बीमारियों का खतरा कम होता है

मंदिरों में घंटी का लटकना

अगर आप हिन्‍दू धर्म से संबध रखते हैं तो आपने देखा होगा कि हिन्‍दूओं के सभी मंंदिरों में घंटी टॉगी जाती है जिसे मंदिर आने वाले सभी भक्‍त आते और जाते वक्‍त बजाते हैं
घंटी बजाने का वैज्ञानिक महत्व यह है कि जब भी इसे बजाया जाता है तो इसकी गूँज 7 सेकंड तक रहती है, यही गूँज हमारे शरीर की सात हीलिंग केंद्रों को सक्रिय कर देती हैं। जिससे हमारे दिमाग में आने वाले सभी नकारात्मक विचार ख़त्म हो जाते हैं 

पीपल के पेड़ की पूजा

हिन्‍दू धार्मिक मान्यता के अनुसार रोजाना पीपल की पूजा करने से घर की सुख, समृद्धि बढती है तथा लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है शास्त्रों के अनुसार पीपल पर साक्षात ब्रम्हा, विष्णु और शिव निवास करते हैं इस पर लक्ष्मी तथा पितरो का वास भी बताया गया है। इसलिये पीपल का वृक्ष पूजनीय है
इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि पीपल का पेड 24 घंटे ऑक्सीजन छोड़ता है मानव जीवन के लिये बहुत जरूरी है पीपल का वृक्ष गर्मी में शीतलता  तथा सर्दी में गर्मी प्रदान करता है आयुर्वेद के अनुसार पीपल का हर भाग जैसे तना, पत्ते, छाल और फल सभी चिकित्सा के काम में आते हैं जिनसे कई गम्भीर रोगों का इलाज होता है

 तुलसी के पौधे की पूजा करना

हिन्‍दू धर्म में तुलसी के पौघे को मॉ की तरह पूजा जाता है तुलसी की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि तथा खुशहाली आती है 
विज्ञानं के अनुसार तुलसी वातावरण को शुद्ध करता है जिस घर में तुलसी का पौधा होता है उस घर का वातावरण शुद्ध होता है तुलसी मच्छरों तथा कीटाणुओं को दूर भगाता है जिससे वायु शुद्ध होती है इसके अलावा तुलसी में रोग प्रतिरोधी गुण होते हैं इसकी पत्तियां खाने से शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है

झुककर चरण स्पर्श करना

हिन्‍दू परम्परा में झुककर पैर छूना बड़ों के प्रति सम्मान व्यक्त करने और आशीर्वाद प्राप्त करने का सर्वश्रेष्ठ तरीका माना गया है पैर छूना या चरण स्पर्श करना भारतीयों संस्कारो का एक हिस्सा है 
इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि प्रत्येक मनुष्य के शरीर में मस्तिष्क से लेकर पैरों तक लगातार ऊर्जा का संचार होता है जिसें कॉस्मिक ऊर्जा कहते हैं जब हम किसी के पैर छूते हैं तब उस व्यक्ति के पैरों से होती हुई ऊर्जा हमारे शरीर में तथा हमारे हाथों से होते हुए उसके शरीर में पहुंचती है और जब वह व्यक्ति आशीर्वाद देते समय हमारे सिर पर हाथ रखता है तब वह ऊर्जा दोबारा उसके हाथों से होती हुई हमारे शरीर में आती है इस तरह पैर छूने से हमें दूसरे व्यक्ति की ऊर्जा मिलती है जिससे नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। तथा मन को शांति मिलती है

सूर्य को जल चढ़ाना

सूर्य को जल चढ़ाने की परम्परा बहुत पुराने समय से है धर्म शास्त्रों के अनुसार सूर्यदेव को जल चढाने से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं और मनुष्य पर सूर्य का प्रकोप नहीं होता है 
विज्ञान के अनुसार सूर्योदय के समय सूर्य की किरणें ज्यादा तेज नहीं होती है जो शरीर के लिए एक औषधि का काम करती हैं उगते सूर्य को जल चढाने से तथा जल की धार में से सूर्य को देखने से सूर्य की किरणें जल में से छन कर हमारी आँखों तथा शरीर पर पड़ती हैं जिससे आँखों की रौशनी तेज होती है तथा पीलिया, क्षय रोग, तथा दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है सूर्य की किरणों से विटामिन-डी भी प्राप्त होता है। इसके अलावा सुबह सुबह सूर्य को जल चढाने से शुद्ध ऑक्सीजन भी हमें मिलती है

Tag - Amazing Scientific Reasons Behind Hindu Traditions, Science behind Hindu traditions, Scientific Reasons Behind Women Traditions in India

जानें क्‍या है यूपी की नई जनसंख्‍या नीति - know what is new population policy of up

$
0
0

 उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ जी ने 11 जुलाई को यूपी के लिए नई जनसंख्‍या नीति लागू की है इससे पहले यूपी में वर्ष 2000 में जनसंख्या नीति लाई गई थी ये नई जनसंख्या नीति 2021-30 जारी रहेगी तो आइये जानें क्‍या है यूपी की नई जनसंख्‍या नीति - know what is new population policy of up  

जानें क्‍या है यूपी की नई जनसंख्‍या नीति - know what is new population policy of up


जानें क्‍या है यूपी की नई जनसंख्‍या नीति - know what is new population policy of up

  • जनसंख्या नीति में जन्म दर को प्रदेश में 2026 तक 2.1% और 2030 तक 1.9% तक लाने का लक्ष्य रखा गया है
  • मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग की ओर से विकसित किए गए 'उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य केंद्र'नामक मोबाइल एप को भी इस अवसर पर लांच किया
  • इस मोबाइल एप के जरिए प्रदेश के सभी जिलों में जिला अस्पतालों, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति की जानकारी हासिल की जा सकेगी
  • इस एप के माघ्‍यम से अस्‍पतालों में उपलब्ध बेड, डाक्टरों की संख्या और दवाओं के बारे में जानकारी मिल सकेगी
  • इस नीत‍ि में दो से अधिक बच्चे वालों को स्थानीय निकाय चुनाव (नगर निकाय से लेकर पंचायत चुनाव तक) से वंचित रखे जाने की अहम सिफारिश राज्य विधि आयोग ने की है
  • इस नीति के पालन का शपथपत्र लिए जाने तथा नियम तोडऩे पर उनका निर्वाचन रद किए जाने की सिफारिश की है
  • इस नीति में राजस्थान व मध्य प्रदेश की तरह सूबे में भी दो से अधिक बच्चे वालों को सरकार नौकरी से दूर रखे जाने की सिफारिश शामिल है
  • ऐसे अभिभावक जिनके दो बच्‍चे हैं वे राज्य सरकार की किसी भर्ती में आवेदन नहीं कर सकेंगे उन्हें सरकारी योजनाओं के लाभ से भी वंचित रखा जाएगा
  • अगर एक से अधिक विवाह करने वाले व्यक्ति के सभी पत्नियों से यदि दो से अधिक बच्चे हैं तो उसे सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा हालांकि हर पत्नी उसके दो बच्चे होने पर सुविधाओं का लाभ ले सकेगी
  • अगर ऐसे ही किसी महिला के एक से अधिक विवाह करने पर उसके अलग-अलग पतियों से दो से अधिक बच्चे होने पर उसे भी सुविधाओं से वंचित होना होगा
  •  सभी सरकारी अधिकारियों व कर्मियों से सीमित परिवार का शपथपत्र लेने तथा नियम तोडऩे पर उनकी पदोन्नति रोके जाने व सेवा से बर्खास्त किए जाने तक की सिफारिश की गई है
  • जिन सरकारी कार्मिकों का परिवार सीमित रहेगा और वह मर्जी से नसबंदी कराते हैं तो उन्हें दो अतिरिक्त इंक्रीमेंट, पदोन्नति, आवास योजनाओं में छूट, पीएफ में कर्मी का कंट्रीब्यूशन बढ़ाने व ऐसे अन्य लाभ दिए जाने की सिफारिशें हैं
  • जो पति पत्‍नी सरकारी नौकरी में नहीं है, उन्हें सीमित परिवार रखने पर पानी, बिजली, गृह व अन्य करों में छूट मिलेगी
  • एक संतान पर मर्जी से नसबंदी कराने वाले अभिभावकों की संतान को 20 साल तक मुफ्त इलाज, शिक्षा व बीमा के साथ नौकरियों में वरीयता दिए जाने की तैयारी है
  • गरीबी रेखा के नीचे निवास करने वाले ऐसे दंपती को बेटे के लिए 80 हजार रुपये व बेटी के लिए एक लाख रुपये एकमुश्त दिए जाएंगे
  • इस नीति में परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत गर्भ निरोधक उपायों की पहुंच बढ़ाने और स्वास्थ्य सुविधा बेहतर करने पर जोर रहेगा
  • इस नीति के तहत स्कूलों में 'हेल्थ क्लब'बनाए जाऐंगे 
  • इस नीति के जरिये वर्ष 2026 तक महिलाओं द्वारा सूचित और स्व निर्णय के माध्यम से सकल प्रजनन दर-2.1 और वर्ष 2030 तक सकल प्रजनन दर 1.9 लाने का लक्ष्य तय किया गया है
  • इसके तहत आधुनिक गर्भनिरोधक प्रचलन दर को बढ़ाने के लिए रणनीति को प्राथमिकता दी जाऐगी 
  • उत्तर प्रदेश सरकार अब परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत सरकार गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता को बढ़ाएगी और सुरक्षित गर्भपात की समुचित व्यवस्था देने का प्रयास भी करेगी
  • नई नीति में वर्ष 2026 तक जन्मदर को प्रति हजार आबादी पर 2.1 तक तथा वर्ष 2030 तक 1.9 तक लाने का लक्ष्य रखा गया है
  • इसके साथ ही डिजिटल हेल्थ मिशन की भावनाओं के अनुरूप प्रदेश में अब नवजातों, किशोरों व बुजुर्गों की डिजिटल ट्रैकिंग भी कराने की योजना है
  • स्कूल के पाठ्यक्रम में जनसंख्या नियंत्रण का भी अध्याय होगा
  • महिला व पुरुष नसबंदी के असफल होने पर अनचाहे गर्भ में छूट मिलेगी
  • अगर किसी दंपति का नसबंदी आपरेशन की विफलता साबित होता है तो उन्‍हें 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाऐगा 
  • पहला, दूसरा या दोनों ही बच्चे नि:शक्त हैं तो वह तीसरी संतान पर सुविधाओं से वंचित नहीं होगा
Tag - UP CM Yogi Adityanath unveils new population policy, new population policy of india in hindi, opulation policy of uttar pradesh in hindi

कल्याण सिंह का जीवन परिचय - Biography of Kalyan Singh

$
0
0

बाबूजी के नाम से मशहूर और उत्‍तर प्रदेशके दो बार मुख्‍यमंत्री रह चुके भारतीय राजनीतिज्ञ कल्‍याण सिंह जी का 21 अगस्‍त 2021 को 89 साल की उम्र में लखनऊ में निधन हो गया विवादित बाबरी मस्जिद विध्वंस होने के समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (Chief Minister Kalyan Singh) जी थे तो आइये जानें कल्याण सिंह का जीवन परिचय - Biography of Kalyan Singh

कल्याण सिंह का जीवन परिचय - Biography of Kalyan Singh

कल्‍याण सिंह के बारे में महत्‍वपूर्ण जानकारी - Important information about Kalyan Singh

यह भी पढें -  उत्तर प्रदेश बजट के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
  • कल्याण सिंह का जन्म 6 जनवरी 1932 कोउत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)के अलीगढ़ (Aligarh) में हुआ था
  • इनके पिता का नाम श्री तेजपाल लोधी राजपूत और माता का नाम श्रीमती सीता देवी था
  • इनकी पत्नी का नाम रामवती है इनके एक पुत्र एक पुत्री है
  • उनका बेटा राजवीर सिंह भी एक राजनेता हैं और वर्ष 2014 के आम चुनावों में वह संसद सदस्य के रूप में चुने गए कल्याण सिंह 35 साल की उम्र में पहली बार विधायक बने
  • वह पहली बार 1967 में जनसंघ के टिकट पर अलीगढ़ जिले की अतरौली सीट से विधानसभा सदस्य चुने गये  
  • वर्ष 1975 में राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और वह 21 महीने तक जेल में रहे
  • इसके बाद 2002 तक दस बार विधायक बने
  •  वर्ष 1992 में उन्होंने बोर्ड परीक्षाओं में नकल करना बंद करवा दी थी उनकी सरकार द्वारा एंटी-कॉपीिंग एक्ट 1992 को लागू किया गया
  • उन्होंने बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुये 6 दिसम्बर 1992 को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था 
  • बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद कल्याण सिंह 1993 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में अतरौली और कासगंज से विधायक निर्वाचित हुये
  •  कल्याण सिंह सितम्बर 1997 से नवम्बर 1999 तक दोबारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने
  • वर्ष 1997 में जब वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और उनकी सरकार ने स्कूलों में भारत माता की प्राथना और वंदे मातरम को अनिवार्य कर दिया था
  • उन्हें 26 अगस्त 2014 को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया था
  • कल्याण सिंह को जनवरी 2015 में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था
Tag - Kalyan Singh, kalyan singh family, kalyan singh death

सिद्धार्थ शुक्ला का जीवन परिचय - Siddharth Shukla Biography in Hindi

$
0
0

 सिद्धार्थ शुक्ला टीवी इंडस्ट्री के एक जाने-माने अभिनेता थे  सिद्धार्थ को उनकी एक्टिंग के लिए कई तरह के अवार्ड भी मिल चुके थे वे बिग बॉस सीजन 13 के विनर रह चुके हैं. हालही में एक बहुत ही चौकाने वाली खबर आई है कि इनका हार्ट अटैक की वजह से निधन हो गया है तो आइये जाने सिद्धार्थ शुक्ला का जीवन परिचय - Siddharth Shukla Biography in Hindi 

सिद्धार्थ शुक्ला का जीवन परिचय - Siddharth Shukla Biography in Hindi


सिद्धार्थ शुक्ला के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी - Important information about Siddharth Shukla

  • सिद्धार्थ शुक्ला का जन्म  12 दिसंबर 1980 को मुंबईमहाराष्ट्र (Maharashtra)में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था
  • इनके पिता का नाम अशोक शुक्ला एवं माता का नाम रीता शुक्ला है
  • इनके पिता पेशे से एक सिविल इंजीनियर हैं और इनकी माता एक घरेलू महिला हैं 
  • इनका परिवार मुख्य रूप से इलाहाबाद उत्तर प्रदेश का रहने वाला है
  • सिद्धार्थ की प्रारंभिक शिक्षा सेवियर हाई स्कूल फोर्ट से हुई इन्होंने इंटीरियर डिजाइनिंग का कोर्स भी किया था 
  • इन्होने अपने करियर की शुरुआत टीवी विज्ञापन में एक मॉडल के रूप में की थी
  • इन्होने टीवी इंडस्ट्री में कदम 2008 में रखा था टेलीविजन के शो “बाबुल का आंगन छूटे ना से” अपना टेलीविजन करियर शुरू किया
  • इन्होंने जाने पहचाने सीरियल “ये अजनबी और लव यू जिंदगी” इन दो टेलीविजन सीरियल में काम किया
  • सिद्धार्थ ने 2012 में कलर्स पर प्रसारित होने वाले फेमस सीरियल “बालिका वधू” में शिवराज शेखर का एक अहम किरदार निभाया था
  • सिद्धार्थ ने करण जौहर के प्रोडक्शन धर्मा के लिए “हम्टी शर्मा की दुल्हनिया” मूवी में सपोर्टिंग एक्टर का रोल प्ले किया था
  • सिद्धार्थ शुक्ला ने सन 2014 से 15 तक सावधान इंडिया को भी होस्ट किया है
  • 2014 में उन्होंने अपनी पहली फिल्म के लिए बेस्ट सपोर्टिंग परफॉर्मेंस मेल के लिए भी अवार्ड हासिल किया
  • 2017 में इन्होंने मोस्ट स्टाइलिश एक्टर के लिए भी अवार्ड मिला था
  • 2019 में यह बिग बॉस सीजन 13 में नजर आये थे जिन्होंने बिग बॉस 2019 को जीत भी लिया
  • सिद्धार्थ शुक्ला न्यू ईयर पर मुंबई की सड़कों पर शराब पीकर कार ड्राइव कर रहे थे और ट्रैफिक पुलिस ने इनके ऊपर 2000 रूपए का फाइन भी लगाया था और इनका लाइसेंस भी जप्त कर लिया था
  • सिद्धार्थ शुल्क का 40 वर्ष की उम्र में 2 अगस्त 2021 को सुबह करीब 9:30 बजे हार्ट अटैक की वजह से निधन हो गया 
Tag - Sidharth Shukla, Siddharth Shukla Death, Some Interesting Facts To Know About Siddharth Shukla:

जानें क्या है प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन - Know what is Prime Minister Digital Health Mission

$
0
0

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जीने हाल ही मैं प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन को लॉन्च किया है इसके तहत देश के सभी लोगों को एक यूनीक आईडी कार्ड दिया जाएगा, जिसमें उनके स्वास्थ्य से जुड़ी सारी जानकारी होगी तो आइए जानें क्या है प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन - Know what is Prime Minister Digital Health Mission

जानें क्या है प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन - Know what is Prime Minister Digital Health Mission


जानें क्या है प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन - Know what is Prime Minister Digital Health Mission

  • इस योजना का शुभारंभ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया गया था 
  • इस योजना के तहत हर भारतीय नागरिक की एक यूनीक हेल्थ ID बनाई जाएगी
  • इस योजना के लागू होने के बाद पूरे देश में एक डिजिटल हेल्थ सिस्टम तैयार किया जा सकेगा
  • इससे पहले यह योजना  नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन (NDHM) के नाम से चल रही थी
  • प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त, 2020 को इसे अंडमान-निकोबार, चंडीगढ़, दादरा नागर हवेली, दमनदीव, लद्दाख और लक्षद्वीप में शुरू किया था
  • मोदी जी का मानना है कि यह योजना भारत की स्वास्थ्य सुविधाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की ताकत रखती है 
  • प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य मिशन को भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है
  • इस योजना के डिजिटल होने की वजह से कागजी कार्रवाई सं छुटकारा मिल जाएगा और डॉक्टर भी भली प्रकार से समझ सकेगा कि मरीज को पूर्व में कौन कौन सी बीमारी थी और आगे कौन से कदम उठाने हैं
  • इसके तहत देशवासियों को अब एक डिजिटल हेल्थ आईडी मिलेगी और हर नागरिक का हेल्थ रिकॉर्ड डिजिटली सुरक्षित रहेगा.
  • डिजिटल हेल्थ कार्ड जारी होने बाद आपका डेटा अस्पताल में नहीं, बल्कि डेटा सेंटर में होगा, जो कार्ड के जरिए देखा जा सकेगा
  • इसके तहत हेल्थ कार्ड बनवाना अनिवार्य नहीं होगा यह आपकी इच्छा पर निर्भर करेगा कि आप कार्ड बनवाना चाहते हैं या नहीं
  • इसमें आपका डाटा पूरी तरह से लॉक होगा जो आपके द्वारा दिए गए ओ टी पी से खुलेगा 
  • अगर किसी दूसरे मरीज का डाटा देखना है तो पहले मरीज का डाटा अपने आप लॉक हो जाएगा 
  • हेल्थ कार्ड बनवाने के लिए सिर्फ आधार कार्ड और मोबाइल नंबर की जरूरत होगी इसके अलावा नाम, जन्म का साल, लिंग, पता जैसी सामान्य जानकारियां भरनी होंगी
  • कार्ड बनने के बाद पिछली सभी रिपोर्ट स्केन कर अपलोड करनी होंगी और आगे कि सभी रिपोर्ट अपने आप अपलोड ओ जाएगी 
Tag - What is Pradhan Mantri Digital Health Mission, PM Modi launches Pradhan Mantri Digital Health Mission, national digital health mission

जानें देश की पहली FIR के बारे में - Know about the indian first FIR

$
0
0

दोस्तों एफ आई आर यानि (First Information Report) जिसके बारे मैं हर कोई जानता है और आज कल तो ये शब्द बहुत ज्यादा सुनने को मिलता है दरअसल जब भी कोई घटना हो जाती है तो सबसे पहले अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन को जानकारी दी जाती है पुलिस वहाँ एक रिपोर्ट तैयार करती है जिसमें घटना कि पूरी जानकारी होती है इसे ही FIR (First Information Report) कहते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश कि पहली FIR (First Information Report) कब दर्ज हुई थी अगर नहीं तो आइए जानें देश की पहली FIR के बारे में - Know about the indian first FIR

जानें देश की पहली FIR के बारे में - Know about the indian first FIR


जानें देश की पहली FIR के बारे में - Know about the indian first FIR

दरअसल अंग्रेजों ने ही IPC यानी इंडियन पीनल कोड (Indian Penal Code) यानी भारतीय आचार संहिता को तैयार किया था. तब उसे ताज-ए-रात-ए-हिंद कहा जाता था देश में कानून की शुरुआत 1861 में हुई थी दरअसल  सन् 1765 में जब अंग्रेजों ने बंगाल की दीवानी हथिया ली तब जनता का दायित्व उनपर आया वारेन हेस्टिंग्ज़ ने सन् 1781 तक फौजदारों और ग्रामीण पुलिस की सहायता से पुलिस शासन की रूपरेखा बनाने के प्रयोग किए और अंत में उन्हें सफल पाया लार्ड कार्नवालिस का यह विश्वास था कि अपराधियों की रोकथाम के निमित्त एक वेतन भोगी एवं स्थायी पुलिस दल की स्थापना आवश्यक है इसके निमित्त जनपदीय मजिस्ट्रेटों को आदेश दिया गया कि प्रत्येक जनपद को अनेक पुलिसक्षेत्रों में विभक्त किया जाए और प्रत्येक पुलिसक्षेत्र दारोगा नामक अधिकारी के निरीक्षण में सौंपा जाय इस प्रकार दारोगा का उद्भव हुआ।बाद में ग्रामीण चौकीदारों को भी दारोगा के अधिकार में दे दिया गया

देश कि पहली FIR

देश में पहली एफआईआर राजधानी दिल्ली में दर्ज हुई थी. तारीख़ थी 18 अक्टूबर 1861. ये रिपोर्ट उर्दू में लिखी हुई थी. मामला चोरी का था इस रिपोर्ट को दर्ज करने वाले का नाम मयुद्दीन (Maeeuddin) था वे दिल्ली के कटरा शीशमहल के निवासी थे उन्होंने दिल्ली के सब्जी मंडी थाने में FIR दर्ज करवाई थी इस रिपोर्ट कि कॉपी को आप जीटीबी नगर के किंग्सवे कैंप रोड पर बने पुलिस म्यूजियम में देख सकते हैं 
जानें देश की पहली FIR के बारे में - Know about the indian first FIR
इस एफआईआर के साथ दिल्ली पुलिस ने चोरी हुए सामान का भी जिक्र किया है पुलिस के मुताबिक इस पहली एफआईआर में हुक्का खाना बनाने वाले बर्तन औरतों के कपड़े चोरी हुए थे चोरी हुए कुल सामान की कीमत 45 आने थी यानी करीब 2 रुपये 70 पैसे थी 
परिवार के पुरुषों ने हुक्का और महिलाओं ने कपड़े चोरी होने पर गुस्सा जाहिर करते हुए पुलिस में शिकायत की थी

Tag - First FIR in India, Delhi Police's First FIR Was Registered For Stolen Cooking Vessels, Image of first FIR filed by Delhi Police in 1861, first information report, what is an fir

Viewing all 704 articles
Browse latest View live


<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>