मेजर ध्यानचंद खेलरत्न पुरस्कार 2021 - Major Dhyan Chand Khel Ratna Award 2021
जेवर एयरपोर्ट होगा दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट - Jewar Airport will be the worlds fourth largest airport
राष्ट्रीय राजधानी दिल्लीके पास जेवर में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jewar International Airport) बनने जा रहा है उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले पीएम मोदीने आज आज गौतम बुद्ध नगर के जेवर में नोएडा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की आधारशिला रखी. जो एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है दरअसल यूपी पहला ऐसा राज्य हो जाएगा जिसके पास कुल पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट (International Airports in UP) होंगे तो आइए जानते हैं दुनियाँ के चौथे सबसे बड़े एयरपोर्ट के बारे में - Jewar Airport will be the worlds fourth largest airport
जेवर एयरपोर्ट होगा दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट - Jewar Airport will be the worlds fourth largest airport
- दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI Airport) से 72 किलोमीटर की दूरी पर बनने जा रहा नोइडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा
- जेवर एयरपोर्ट के निर्माण के लिए उत्तरप्रदेशसरकार ने फरवरी 2021 में 2,000 करोड़ रुपए के बजट का ऐलान किया था
- जेवर एयरपोर्ट के निर्माण में 29 हजार 650 करोड़ रुपए का खर्च आएगा
- इस एयरपोर्ट पर एक साथ 178 विमान खड़े हो सकेंगे
- ऐसा अनुमान है कि इस एयरपोर्ट से पहली उड़ान सितंबर 2024 में भारी जाएगी
- जेवर एयरपोर्ट 5845 हेक्टेयर जमीन पर बनेगा पहले चरण में इसका निर्माण 1,334 हैक्टेयर जमीन पर होगा इसका निर्माण पास इंडस्ट्रियल हब भी बनेगा. जैसे- स्टोरेज, डिफेंस और फूड की कंपनियां लगेंगी
- पहले फेज में प्रति वर्ष एक करोड़ 20 लाख यात्रियों के यहां से यात्रा करने की उम्मीद है और अंतिम चरण यानी 2040 और 50 के बीच, जेवर एयरपोर्ट की क्षमता प्रति वर्ष 7 करोड़ यात्रियों को संभालने की हो
- आप यहाँ यमुना एक्सप्रेस-वे, वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे और कई अन्य एक्सप्रेस-वे के माध्यम से पहुँच सकते हैं
- जब यह एयरपोर्ट पूरी तरह से बन जाएगा तब इसमें कुल आठ रनवे होंगे
- सबसे पहले जेवर एयरपोर्ट से 8 डोमेस्टिक और 1 इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू की जाएंगीं
- जेवर एयरपोर्ट पर शुरुआत में 2 रनवे बनाये जाऐंगे लेकिन इसे बढ़ाकर 6 रनवे किया जाएगा
- जब सभी 6 रनवे बनकर तैयार हो जाएंगे तो फिर जेवर एयरपोर्ट यानी Noida International Airport भारत ही नहीं, एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा
- दिल्ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारत का सबसे बड़ा हवाई अड्डा है मुंबई का छत्रपति शिवाजी हवाई अड्डा दूसरा और बेंगलुरु का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा तीसरे स्थान पर है, लेकिन अब क्षेत्रफल के नजरिए से यूपी का जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारत में सबसे बड़ा होगा
- जब जेवर एयरपोर्ट अपने पूरे क्षेत्रफल पर विकसित होगा तब फ्लोरिडा के ऑरलैंडो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को पछाड़कर दुनिया के चौथे बड़े हवाई अड्डे की सूची में अपना स्थान बना लेगा
- जेवर एयरपोर्ट देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट होगा, जिसे मल्टी-मॉडल कार्गो हब की तरह बनाया गया है. यह भारत का पहला नेट-जीरो उत्सर्जन वाला एयरपोर्ट होगा
- इसका विकास यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड करेगी जिसमें ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी है
- नोइडा इन्टनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड में उत्तर प्रदेश सरकार और नोएडा प्राधिकरण की 37.5-37.5 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी
- वहीं ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण का इस कंपनी में 12.5-12.5 प्रतिशत हिस्सा होगा
- जेवर हवाईअड्डे के शुरू होने पर दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद और आसपास के अन्य जिलों के निवासियों को भी फायदा होगा
चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार - Nobel Prize in Medicine
इस साल यह प्रतिष्ठित सम्मान दो अमेरिकी विज्ञानियों डेविड जूलियस (David Julius) और एर्डम पटापौटियन (Ardem Patapoutian) को मिला है दोनों ने तापमान और स्पर्श के लिए रिसेप्टर्स की खोज की थी पिछले साल यह पुरस्कार हार्वे अल्टर (Harvey Alter), माइकल हॉगटन (Michael Houghton) और चार्ल्स राइस ( Charles Rice) को संयुक्त रूप से दिया गया था। इन वैज्ञानिकों ने मिलकर हेपटाइटिस सी वायरस की खोज की थी तो आइए जानते हैं चिकित्सा के नोबेल पुरस्कार के बारे में - Know About the Nobel Prize in Medicine
चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार - Nobel Prize in Medicine
- 1901 से लेकर अब तक चिकित्सा के क्षेत्र का नोबेल परुस्कार 112 बार कुल 224 चिकित्सा वैज्ञानिकों को दिया जा चुका है
- यह पुरुस्कार वर्ष 1915, 1916, 1917, 1918, 1921, 1925, 1940, 1941, और 1942 में किसी को भी नहीं दिया गया था
- यह पुरुस्कार 39 बार किसी चिकित्सा वैज्ञानिक को एकल रूप से दिया गया है
- 2 लोगों को सयुक्त रूप से यह पुरुस्कार 34 बार प्रदान किया गया है
- 39 बार यह पुरुस्कार 3 लोगों को सयुक्त रूप से दिया गया था
- जर्मन के एमिल एडोल्फ़ वॉन बेहरिंग को चिकित्सा के क्षेत्र का पहला पुरुस्कार 1901 में प्रदान किया गया था
- यह परुस्कार सबसे कम उम्र में कनाडा के वैज्ञानिक फ्रेडरिक ग्रांट बैंटिंग को दिया गया था 1923 जब इनको यह पुरुस्कार दिया गया था तब उनकी उम्र मात्र 32 वर्ष थी
- इस पुरुस्कार को पाने वाले सबसे अधिक उम्र के चिकित्सा वैज्ञानिक अमरीका के पीटोन रोउस थे इनको यह परुस्कार 1966 में 87 वर्ष की आयु में दो अन्य वैज्ञानिकों के साथ दिया गया था
- चिकित्सा के क्षेत्र में अब तक कुछ 12 महिलाओं को ये सम्मान दिया जा चुका है
- अमेरिका की गेर्टिकोरी यह पुरस्कार पाने वाली पहली महिला थी उन्हें ये पुरस्कार 1947 में दिया गया था
- गेर्टिकोरी को यह पुरस्कार उनके पति कार्ल कोरी व एक अन्य के साथ संयुक्त रूप से दिया गया था
- अमरीका के आर्थर कोर्न और रोजर कोर्नबर्ग ऐसे पिता पुत्र थे जिन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था आर्थर कोर्न को 1959 में और उनके पुत्र रोजर कोर्नबर्ग को 2006 में यह सम्मान दिया गया था
भौतिकी का नोबेल पुरस्कार - Nobel Prize in Physics
भौतिकी के विभिन्न क्षेत्रों में वैज्ञानिकों को रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा प्रतिवर्ष भौतिकी में नोबेल पुरस्कार दिया जाता है जापान के सिउकुरो मानाबे (Syukuro Manabe), जर्मनी के क्लाउस हैसलमैन (Klaus Hasselmann), व इटली के जिओर्गिओ पारिसी (Giorgio Parisi) ने संयुक्त रूप से जटिल भौतिक प्रणालियों की हमारी समझ में अभूतपूर्व योगदान के लिए भौतिकी में 2021 का नोबेल पुरस्कार जीता है तो आइये जानते हैं भौतिकी के नोबेल पुरस्कार के बारे में - Know About the Nobel Prize in Physics
भौतिकी का नोबेल पुरस्कार - Nobel Prize in Physics
- 1901 से लेकर अब तक भौतिक विज्ञान के क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार 115 बार कुल 219 लोगों को दिया जा चुका है
- अमेरिकी वैज्ञानिक जॉन बार्डिन ऐसे एक मात्र वैज्ञानिक है जिन्हें ये पुरस्कार 2 बार दिया गया है
- बार्डिन को यह पुरस्कार पहली बार 1956 में और दूसरी बार 1972 में दिया गया था
- वर्ष 1916, 1931, 1934, 1940, 1941, और 1942 में यह पुरस्कार किसी को भी नहीं दिया गया था
- यह पुरस्कार 47 बार किसी एक ही वैज्ञानिक को एकल रूप से प्रदान किया गया
- 32 बार यह पुरस्कार 2 लोगों को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया
- 36 बार ये पुरस्कार 3 लोगों को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया है
- भौतिक विज्ञान का पहला पुरस्कार 1901 में जर्मनी वैज्ञानिक विल्हैम रॉंटजेन को दिया गया था
- ब्रिटेन के वैज्ञानिक विलियम लॉरेंस ब्रेग भौतिक विज्ञान का नोबेल पुरस्कार पाने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति थे
- उन्हें यह पुरस्कार 1915 में दिया गया था जब विलियम लॉरेंस ब्रेग यह पुरस्कार दिया गया तब उनकी उग्र मात्र 25 वर्ष थी
- विलियम लॉरेंस ब्रेग को यह पुरस्कार उनके पिता विलियम हैनरी ब्रेग के साथ संयुक्त रूप से दिया गया था
- अमरीकी वैज्ञानिक आर्थर आश्किन भौतिक का नोबेल पुरस्कार पाने वाले सबसे अधिक उम्र के वैज्ञानिक थे उन्हें यह पुरस्कार 2018 में 96 वर्ष की उम्र में दिया गया था
- अब तक कुल 4 महिलाओं को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया है
- फ्रांस की मैडम क्यूरी यह पुरस्कार पाने बाली प्रथम महिला थी उन्हें यह पुरस्कार 1903 में दिया गया था
रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार - Nobel Prize in Chemistry
वर्ष 2021 में रसायन का नोबेल पुरूस्कार मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट के जर्मन वैज्ञानिक बेंजामिन लिस्ट (Benjamin List) औरस्कॉटलैंड में जन्मे प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक डेविड डब्ल्यूसी मैकमिलन (David WC Macmillan) स्कार देने का फैसला किया है तो आइये जानते हैं रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार - Nobel Prize in Chemistry
रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार - Nobel Prize in Chemistry
- 1901 से लेकर अब तक रसायन विज्ञान के क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार 113 बार कुल 188 बैज्ञानिकों को दिया जा चुका है
- यह पुरस्कार वर्ष 1916, 1917, 1919, 1924, 1933,1940,1941,और 1942 में किसी को नहीं दिया गया था
- यह पुरस्कार 63 बार किसी एक बैज्ञानिक को अकेले ही दिया गया
- रसायन का नोबेल पुरस्कार 25 बार 2 लोगों को संयुक्त रूप से दिया गया है
- 25 बार यह पुरस्कार 3 लोगों को संयुक्त रूप से दिया गया है
- रसायन विज्ञान का पहला पुरस्कार 1901 में नीदरलैण्ड के जैकोबस एच.वी.हॉफ को दिया गया था
- रसायन विज्ञान के क्षेत्र का नोबेल पाने वाले सबसे कम उम्र के वैज्ञानिक फ्रांस के फ्रेड्रिक जूलिएट क्यूरी थे उन्हें यह पुरस्कार 35 वर्ष की आयु वर्ष 1935 में दिया गया था
- अमरीकी वैज्ञानिक जॉन बी.गुडएनफ सबसे अधिक उम्र के रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार पाने वैज्ञानिक थे उन्हें यह पुरस्कार 2019 में 97 वर्ष की उम्र में दिया गया था
- रसायन विज्ञान के क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार अब तक 7 बार महिलाओं को दिया जा चुका है
- फ्रांस की मैरी क्यूरी यह पुरस्कार पाने वाली पहली महिला थी उन्हें यह पुरस्कार 1911 में दिया गया
- मैरी क्यूरी की पुत्री आयरीन जूलिएट क्यूरी को 1935 में उनके पति के साथ रसायन का नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ था
- मैरी क्यूरी ही ऐसी एकमात्र वैज्ञानिक है जिन्हें 1903 में भौतिकी विज्ञान के नोबेल पुरस्कार के साथ-साथ 1911 में रसायन का नोबेल पुरस्कार भी दिया गया
- अमरीका के लाइनुस पॉलिंग ऐसे एकमात्र वैज्ञानिक हैं जिन्हें 1954 में रसायन विज्ञान के नोबेल के साथ शान्ति का नोबेल भी 1962 में दिया गया
साहित्य का नोबेल पुरस्कार - Nobel Prize for Literature
साहित्य का नोबेल पुरस्कार 2021 में ज़ांज़ीबार (Zanzibar) में पैदा हुए और इंग्लैंड में सक्रिय अब्दुलरज़क गुरनाह (Abdulrazak Gurnah) को "उपनिवेशवाद के प्रभावों और संस्कृतियों और महाद्वीपों के बीच की खाड़ी में शरणार्थी के भाग्य के लिए उनकी अडिग और करुणामय पैठ के लिए"प्रदान किया गया 73 वर्षीय गुनराह ने दस उपन्यास लिखे हैं जिनमें 'पेरेडाइज़'और 'डेज़र्शन'भी शामिल है तो आइये जानते हैं साहित्य के नोबेल पुरस्कार के बारे में - Know About the Nobel Prize in Literature
साहित्य का नोबेल पुरस्कार - Nobel Prize for Literature
तंजानिया के उपन्यासकार का जन्म 1948 में ज़ांज़ीबार में हुआ था और तब से वह यूके और नाइजीरिया में रहते हैं। वह अंग्रेजी में लिखते हैं, और उनका सबसे प्रसिद्ध उपन्यास पैराडाइज (Paradise) है, जिसे 1994 में बुकर पुरस्कार के लिए चुना गया था। गुरनाह वर्तमान में यूके में रहते हैं और केंट विश्वविद्यालय में अंग्रेजी साहित्य पढ़ाते हैं
- हर साल स्वीडिश एकेडमी, साहित्य में नोबेल पुरस्कार प्रदान करने हेतु उम्मीदवारों के नामांकन के लिए अनुरोध प्रेषित करती है
- नोबेल पुरस्कार की पुरस्कार राशि, इसकी शुरूआत के बाद से घटती -बढ़ती रही है लेकिन वर्तमान में यह दस मीलियन स्वीडिश क्रोनर है
- विजेता को एक स्वर्ण पदक और एक नोबेल डिप्लोमा भी मिलता है और उसे स्टोकहोम में भाषण देने के लिए भी आमंत्रित किया जाता है
- अगर यह पुरस्कार एक से अधिक विजेताओं को दिया जाता है राशि को बराबर बांट दिया जाता है
- नोबेल पुरस्कार विजेता स्वीडन के राजा के हाथों से डिप्लोमा प्राप्त करते हैं
- 1901 अब तक साहित्य का क्षेत्र में कुल 114 नोबेल पुरस्कार 118 साहित्यकारों को दिये जा चुके हैं
- वर्ष 1904,1917,1966,1974 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार दो लोगों को संयुक्त रूप से दिया गया था
- वर्ष 1914,1918,1935,1940,1941,1942,1943 में यह पुरस्कार किसी को भी नहीं दिया गया था
- वर्ष 2018 का पुरस्कार वर्ष 2019 में दिया गया था
- साहित्य का नोबेल पुरस्कार पाने वाले सबसे कम उम्र के साहित्यकार ब्रिटिश प्रत्रकार रूडयाई किपलिंग थे जब उन्हें ये पुरस्कार दिया गया तब उनकी उम्र 41 वर्ष थी
- किपलिंग ये पुरस्कार जंगल बुक के लिए वर्ष 1907 में दिया गया था इनका जन्म मुम्बई में हुआ था
- साहित्य का नोबेल पुरस्कार सबसे अधिक उम्र में ब्रिटेन के साहित्यकार डोरिस लेसिंग को 2007 में दिया गया था जब उन्हेंं ये पुरस्कार दिया गया तब उनकी उम्र 88 वर्ष थी
- साहित्य का नोबेल पुरस्कार अब 16 महिलाओं को दिया जा चुका है
- स्वीडिश लेखिका सेलमा लेगरलोफ पहली महिला साहित्यकार थीं जिन्हें वर्ष 1909 में यह पुरस्कार दिया गया था
- नोबेल साहित्य पुरस्कार 1931 में एरिक एक्सेल कार्लफेन्ट को मरणोपरान्त दिया गया था
- वर्ष 1971 में लागू नियम के अनुसार अब यह पुरस्कार मरणोपरान्त नहीं दिया जा सकता
- अगर पुरस्कार की घोषणा होने के बाद साहित्यकार की मौत होती है तो यह पुरस्कार घोषित व्यक्ति को ही दिया जाऐगा
- भारत के बंगला साहित्यकार रबीन्द्रनाथ टैगोर को 1913 में गीतांजलि के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया था
- रबीन्द्रनाथ जी भारत ही नहीं बल्कि एशिया के पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया था
शांति का नोबेल पुरस्कार - Nobel Prize for Peace
शांति का नोबेल पुरस्कार - Nobel Prize for Peace
- यह पुरस्कार नोबेल फाउंडेशन द्वारा यह पुरस्कार विश्व स्तर पर शांति के लिए किए गए प्रयासों के लिए दिया जाता है
- इस पुरस्कार के तहत एक करोड स्वीडिश क्रोनर की राशि विजेता को प्रदान की जाती है
- नोबेल शांति पुरस्कार 86 वर्ष बाद पत्रकारों को दिया गया है इससे पहले यह पुरस्कार 1915 में पत्रकार को दिया गया था
- 1901 से लेकर अब तक कुल 109 लोगों व 28 संस्थाओं को यह पुरस्कार दिया जा चुका है
- 19 बार किसी को भी इस पुरस्कार के योग्य नहीं माना गया
- यह पुरस्कार 69 बार किसी व्यक्ति या संस्था को एकल रूप से प्रदान किया गया है
- 31 बार यह पुरस्कार 2 लोगों को संयुक्त रूप से तथा 2 बार यह पुरस्कार 3 लोगो को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया है
- पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई यह पुरस्कार पाने वाली सबसे कम उम्र की विजेता हैं उन्हें यह पुरस्कार वर्ष 2014 में 17 वर्ष की आयु में दिया गया था
- नोबेल शांति पुरस्कार पाने वाले सबसे अधिक उग्र व्यक्ति पोलैण्ड के जोसेफ रोटब्लैट थे उन्हें यह पुरस्कार वर्ष 1995 में 87 वर्ष की आयु में दिया गया था
- शांति का पला नोबेल पुरस्कार स्विटजलैण्ड के सामाजिक कार्यकर्ता हेनरी दुनांत थे उन्हें यह पुरस्कार 1901 में दिया गया था
- सर्वाधिक यह पुरस्कार इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रैड क्रॉस को तीन बार प्रदान किया गया है
- इस पुरस्कार से सम्मानित की जाने वाली पहली महिला आस्ट्रेलिया की बरथा वान शटनर थी उन्हें 1905 में यह पुरस्कार दिया गया था
- अब तक कुल 18 महिलाओं को ये पुरस्कार दिया जा चुका है
जानें इंदिरा गांधी पुरस्कार के बारे में - Know about Indira Gandhi Award
इंदिरा गांधी स्मारक न्यास'द्वारा 'इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण और विकास पुरस्कार'प्रति वर्ष विश्व के किसी ऐसे व्यक्ति या संस्था को दिया जाता है जिसने समाज सेवा, निरस्त्रीकरण या विकास के कार्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो. इस पुरस्कार के अंतर्गत 25 लाख रुपये नकद और प्रशस्तिपत्र प्रदान किया जाता है यह पुरस्कार 1986 से हर बर्ष प्रदान किया जा रहा है आइए जानें इंदिरा गांधी पुरस्कार के बारे में - Know about Indira Gandhi Award
इंदिरा गांधी पुरस्कार विजेताओं की सूची - List of Indira Gandhi Award Winners
वर्ष | संस्था |
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1986 | पार्लामेंटेरिअंस फार ग्लोबल ऐक्शन |
1987 | मिखाइल गोर्बाचोफ (भूतपूर्व सोवियत संघ नेता) |
1988 | ग्रो हार्लेम ब्रंड्टलैंड (नार्वे की भूतपूर्व प्रधानमंत्री) |
1989 | यूनिसेफ |
1990 | सैम नुजोमा (नमीबिया के प्रथम राष्ट्रपति) |
1991 | राजीव गाँधी (भूतपूर्व भारत के प्रधानमंत्री) |
1992 | साबुरो ओकिता (जापान के अर्थशास्त्री) |
1993 | वाक्लाव हावेल (प्रथम चेक गणराज्य के राष्ट्रपति) |
1994 | ट्रेवोर हडलेस्टन (रंगभेद विरोधी कार्यकर्ता) |
1995 | ओलुसेगुन ओबासान्जो (नाइजीरिया के 12वें राष्ट्रपति) |
1996 | मेडिसिन्स सांस फ्रंटियर्स (स्वयंसेवी संस्था) |
1997 | जिमी कार्टर (संयुक्त राज्य अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति) |
1998 | मोहम्मद युनुस (ग्रामीण बैंक के संस्थापक) |
1999 | एम एस स्वामीनाथन (भारतीय कृषि वैज्ञानिक) |
2000 | मेरी रोबिंसन (आयरलैंड की 7वीं राष्ट्रपति) |
2001 | सदाको ओगाटा (भूतपूर्व यूनाइटेड नेशंस हाई कमिश्नर फार रिफ्यूजीज़) |
2002 | श्रीदत्त रामफल (राष्ट्रकुल के द्वितीय महासचिव) |
2003 | कोफी अन्नान (संयुक्त राष्ट्रसंघ के 7वें महासचिव) |
2004 | महा चाक्रि सिरिंधोर्न (थाईलैंड की राजकुमारी) |
2005 | हामिद करज़ई (अफगानिस्तान के 12वें राष्ट्रपति) |
2006 | वांगारी मथाई (पर्यावरण और राजनीतिक कार्यकर्ता) |
2007 | बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन |
2008 | मोहम्मद अलबारदेई (IAEA के पूर्व महानिदेशक) |
2009 | शेख हसीना (बांग्लादेश की प्रधानमंत्री) |
2010 | लुइज़ इनाकियो लूला दा सिल्वा (Luiz Inacio Lula da Silva) (ब्राजील के भूतपूर्व राष्ट्रपति) |
2011 | इला भट्ट (SEWA की संस्थापक) |
2012 | एलेन जानसन सरलीफ (लाइबेरिया के राष्ट्रपति) |
2013 | एंजेला मर्केल (जर्मनी की चांसलर) |
2014 | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) |
2015 | संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त कार्यालय (UNHRC) |
2017 | पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (भारत के पूर्व प्रधानमंत्री) |
2018 | विज्ञान व पर्यावरण केंद्र (CSE) |
2019 | डेविड एटनबरो (David Attenborough) (एक अंग्रेजी प्रसारक) |
2021 | प्रथम (कमजोर वर्गों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए समर्पित संस्था) |
जानें दुनिया के दूसरे सबसे बड़े सिटिंग स्टैच्यू के बारे में - Know about the world's second largest sitting statue
दोस्तों भारत के हैदराबाद में स्वामी रामानुजाचार्य (Swami Ramanujacharya) 216 फीट ऊंची बैठी हुई प्रतिमा स्थापित हो गई है इस जगह को स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी (Statue of Equality) नाम दिया गया है यह प्रतिमा दुनियाँ की दूसरी सबसे ऊंची बैठी हुई प्रतिमा है दुनियाँ की पहली सबसे ऊंची बैठी हुई प्रतिमा ग्रेट बुद्धा की है जो थाइलैंड में है इसकी ऊंचाई 302 फीट है हालांकि राजस्थान (rajasthan)के नाथद्वारा में 351 फीट ऊंची शिव मूर्ति भी तैयार हो चुकी है, लेकिन इसका इनॉगरेशन मार्च में है लेकिन स्वामी रामानुजाचार्य की प्रतिमा का इनॉगरेशन फरवरी में है तो आइए जानें दुनिया के दूसरे सबसे बड़े सिटिंग स्टैच्यू के बारे में - Know about the world's second largest sitting statue
जानें दुनिया के दूसरे सबसे बड़े सिटिंग स्टैच्यू के बारे में - Know about the world's second largest sitting statue
- फरवरी 2022 में रामानुजाचार्य के स्टैच्यू का इनॉगरेशन पीएम मोदी (PM Modi)करने जा रहे हैं इस स्टैच्यू के साथ 108 मंदिर भी बनाए गए हैं
- इसके साथ ही 120 किलो सोने का इस्तेमाल करते हुए आचार्य की एक छोटी मूर्ति भी तैयार की गई है
- वैष्णव संप्रदाय के संत चिन्ना जीयर स्वामी की देखरेख में पूरे हुए इस प्रोजेक्ट पर अब तक 1400 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं
- इस प्रतिमा की डिजायन को तय करने के लिए 14 मिट्टी की प्रतिमाएं तैयार की गयीं
- इन प्रतिमाओं को चीफ आर्किटेक्ट आनंद साईं ने अपनी टीम के साथ मिलकर किया
- इन सभी 14 प्रतिमाओं मेँ से 4 प्रतिमाओं को पसंद किया गया और इसके बाद इन 4 प्रतिमाएं के सुंदर भागों को एकत्रित करके एक नई 5 वीं नई प्रतिमा तैयार की गईं
- इसके बाद फाइनल की गई प्रतिमा की बैंगलुरु मैं 3D स्कैनिंग की गई
- इसके बाद चीन की एरोसन कारपोरेशन के साथ इस प्रतिमा को बनाने का कॉन्ट्रेक्ट 14 अगस्त 2015 को फाइनल हुआ
- इस प्रतिमा को शस्त्रों के तहत बनाया गया है इसलिए इसके हर भाग का मेजरमेंट 9 रखा गया है
भाग | मेजरमेंट | योग |
---|---|---|
मूर्ति की हाइट | 108 फीट | 1+0+8=9 |
कुल हाइट | 216 फीट | 2+1+6=9 |
कमल पंखुड़ियाँ | 54 | 5+4=9 |
हाथी | 36 | 3+6=9 |
पद पीठम | 27 फीट | 2+7=9 |
सीढ़ियाँ | 108 | 1+0+8=9 |
- दरअसल 9 एक शाश्वत नंबर है यह संख्या अनिश्चितकाल तक जारी मानी जाती है
- चीन की कंपनी ने 2016 में प्रतिमा को बनाने का काम शुरू किया था
- प्रतिमा के भागों की सबसे पहले थर्माकोल पर डिजायन तैयार किया गया
- इस प्रतिमा के इन्स्पेक्शन के लिए 10 से 15 दिन मेँ भारत से टीम चीन जाती थी
- इस प्रतिमा के चहरे को बनने मेँ 3 महीने का समय लगा और इसमें 1800 बार बदलाव किए गए
- इस प्रतिमा को अलग अलग 16 भागों मैं तैयार किया गया
- इस प्रतिमा को इतनी बरीखी से जोड़ा गया है कि आपको कहीं भी आपको जॉइन्ट का निशान नहीं दिखेगा
- चीन की कंपनी को इसे तैयार करने मेँ 18 माह का समय लगा
- इसका बजन 650 टन है यह प्रतिमा 850 टन स्टील की इनरकोर के सहारे खड़ी है
- इस प्रतिमा मेँ 82% कॉपर के साथ साथ जिंक, टिन, गोल्ड,और सिल्वर लगा है
- इस प्रतिमा के साथ साथ यहाँ 108 भगवान विष्णु के छोटे छोटे मंदिर भी बनाए गए हैं
- इन 108 मंदिरों को बनाने के लिए राजस्थान बंसी पहाड़पुर से पिंक, भैसलाना से ब्लैक मार्बल, आंध्रा, और तमिलनाडु से ब्लैक स्टोन ले गए
- ये पूरा कैंपस 200 एकड़ मेँ फैला हुआ है जबकि प्रतिमा की साइट 40 एकड़ मेँ है
- यहाँ एक 42 फीट ऊंचा मूजिकल फाउंटेन भी लगाया गया है जिसे चीन से लाया गया है
- इस मूजिकल फाउंटेन के जरिए रामानुजाचार्य की लीलाओं को दिखाया जाएगा
- इस केम्पस के प्रवेश द्वार पर हनुमान जी और गरुण की 18-18 फीट ऊंची प्रतिमाएं लगी है
- रामानुजाचार्य की बड़ी प्रतिमा के नीचे उनकी एक छोटी 120 किलो सोने से निर्मित एक प्रतिमा स्थापित की गई है
- ऐसा कहा जा रहा है की यहाँ से 14 फरवरी तक 1035 कुंडी लक्ष्मी नारायण यज्ञ होगा
- इस यज्ञ मेँ देश भर के अलग अलग हिस्सों से इकट्ठा किए गए डेढ़ लाख किलो देशी घी का इस्तेमाल किया जाएगा
- हैदराबाद से 40 किलोमीटर दूर मुनचितल रोड पर इसे बनाया जा रहा है
जानें बजट 2022 के बारे में - Know about Budget 2022
वर्ष 2022 का केंद्रीय बजट पेपरलेस रूप में पेश किया गया इस बजट को केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने संसद में पेश किया यह निर्मला सीतारमण का चौथा और नरेंद्र मोदी सरकार का 10वां बजट है तो आइये जानें बजट 2022 के बारे में - Know about Budget 2022
जानें बजट 2022 के बारे में - Know about Budget 2022
- गांव और शहरों में 80 लाख घर बनाए जाएंगे
- पासपोर्ट को भी डिजिटल किया जाऐगा चिप वाले ई पासपोर्ट बनाए जाएंगे
- मोदी सरकार 60 लाख लोगों को नौकरी देगी
- राज्य सरकार के कर्मचारियों के एनपीएस खाते में नियोक्ता के योगदान पर कर कटौती की सीमा बढ़ाकर 14% की गई
- क्रिप्टो करेंसी पर एक फीसदी का टीडीएस लगेगा और इससे होने वाली कमाई पर 30 फीसदी का टैक्स लगेगा
- सरकारी कर्मचारियों की पेंशन में टैक्स पर छूट का प्रस्ताव दिया
- दिव्यांग के माता-पिता को टैक्स में छूट मिलेगी
- ITR गड़बड़ी में दो साल तक सुधार करने की अनुमति दी गई
- ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल करके डिजिटल करेंसी शुरू की जाएगी, आरबीआई 2022-23 से इसे जारी करेगा
- 2030 तक सौर क्षमता के 280 गीगावाट के लक्ष्य के लिए 19,500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा
- पहाड़ी क्षेत्रों में पारंपरिक सड़कों के लिए राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम को पीपीपी मोड में लिया जाएगा, इससे टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा
- 2022-23 के बीच नेशनल हाईवे की लंबाई 25000 किमी तक बढ़ाई जाएगी, हाईवे विस्तार पर 20 हजार करोड़ रुपये होंगे खर्च
- भुगतान में देरी को कम करने के लिए एक ऑनलाइन बिल प्रणाली शुरू की जाएगी और इसका उपयोग सभी केंद्रीय मंत्रालय करेंगे
- इस साल 5G सेवा शुरू करेंगे। 2025 तक गांवों में ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का काम पूरा होगा
- जीवन और व्यवसाय करने में आसानी की सुविधा के लिए कहीं भी पंजीकरण के लिए 'एक राष्ट्र, एक पंजीकरण'स्थापित किया जाएगा
- रेलवे छोटे किसानों और छोटे व मध्यम उद्यमों के लिए नए प्रोडक्ट और कुशल लॉजिस्टिक सर्विस तैयार करेगा
- किसानों को डिजिटल सेवाएं दी जाएंगी और भारत में गरीबी मिटाने के लक्ष्य पर पुरजोर रूप से कार्य किया जाएगा. ड्रोन के जरिए कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देंगे
- साल 2023 को मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया
- किसानों को डिजिटल और हाईटेक सेवाएं प्रदान करने के लिए पीपीपी मॉडल में योजना की शुरुआत होगी
- आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) को मार्च 2023 तक बढ़ाया जाएगा, गारंटी कवर को 50,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर कुल 5 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा
- जीरो बजट खेती और प्राकृतिक खेती, आधुनिक कृषि, मूल्य संवर्धन और प्रबंधन पर जोर दिया जाएगा
- गंगा के किनारे 5 किमी चौड़े गलियारों में किसानों की जमीन पर फोकस के साथ पूरे देश में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा
- 2022-23 में 60 किलोमीटर लंबे 8 रोपवे प्रोजेक्ट के लिए कांट्रैक्ट दिए जाएंगे
- स्किलिंग प्रोग्राम को नया रूप दिया जाएगा। हमारे युवाओं के स्किलिंग, अपस्किलिंग और रीस्किलिंग के लिए, डिजिटल देश ई-पोर्टल लॉन्च किया जाएगा
- महिला और बाल विकास मंत्रालय की मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 जैसी योजनाओं को व्यापक रूप से नया रूप दिया है
- पीएम ई विद्या के 'वन क्लास, वन टीवी चैनल'कार्यक्रम को 12 से 200 टीवी चैनलों तक बढ़ाया जाएगा। यह सभी राज्यों को कक्षा 1 से 12 तक क्षेत्रीय भाषाओं में सप्लीमेंट्री शिक्षा प्रदान करने में सक्षम बनाएगा
- रबी सीजन 2021-22 में गेहूं की खरीद और खरीफ सीजन 2021-22 में धान की अनुमानित खरीद से 163 लाख किसानों से 1208 लाख मीट्रिक टन गेहूं और धान का कवर किया जाएगा और 2.37 लाख करोड़ रुपये उनके एमएसपी मूल्य का सीधा भुगतान होगा
- पीएम गति शक्ति 7 इंजनों द्वारा संचालित होती है: सड़क, रेलवे, हवाई अड्डे, बंदरगाह, जन परिवहन, जलमार्ग और रसद बुनियादी ढांचा। सभी 7 इंजन अर्थव्यवस्था को एक साथ आगे बढ़ाएंगे
- आत्मानिर्भर भारत बनाने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना को एक उत्कृष्ट प्रतिक्रिया मिली है, जिसमें अगले कीकैप अंक (Keycap digit) पांच वर्षों के दौरान 60 लाख नए रोजगार और 30 लाख करोड़ के अतिरिक्त उत्पादन की क्षमता है
- पीएम गति शक्ति, समावेशी विकास, उत्पादकता वृद्धि और निवेश, सनराइज अपॉर्च्युनिटी, ऊर्जा संक्रमण और जलवायु पर कदम और निवेश का वित्तपोषण
- अगले 3 वर्षों के दौरान बेहतर दक्षता वाली 400 नई पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेनें लाई जाएंगी
- अगले 3 वर्षों के दौरान 100 PM गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे और मेट्रो सिस्टम के निर्माण के लिए नवीन तरीकों का कार्यान्वयन होगा
- वित्त मंत्री ने मोबाइल फोन चार्जर मोबाइल फोन कैमरा लेंस ट्रांसफार्मर इत्यादि के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए इन पर ड्यूटी कंसेशन देने की घोषणा की है
- देश में 5 बड़ी नदियों को जोड़ने के लिए जल संसाधन विकास मंत्रालय की भी मदद से कार्य किया जाएगा
- सरकार ने कट और पोलीस डायमंड के साथ रत्नों पर कस्टम ड्यूटी 5 % कर दी है सिंपल ई सोल्ड डायमंड पर अब कोई कस्टम ड्यूटी नहीं लगेगी
- वित्त मंत्री ने मोबाइल फोन चार्जर मोबाइल फोन कैमरा लेंस ट्रांसफार्मर इत्यादि के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए इन पर ड्यूटी कंसेशन देने की घोषणा की है
जानें नेशनल वॉर मेमोरियल के बारे में - Know about the National War Memorial
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक या नेशनल वॉर मेमोरियल इंडिया गेट के दूसरी तरफ केवल 400 मीटर की दूरी पर स्थित है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी 2019 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था, जहां 25,942 सैनिकों के नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखे गए हैं तो आइये जानें नेशनल वॉर मेमोरियल के बारे में - Know about the National War Memorial
जानें नेशनल वॉर मेमोरियल के बारे में - Know about the National War Memorial
नेशनल वॉर मेमोरियल - National War Memorial
जानें यहूदी धर्म के बारे में - Know about Judaism
यहूदी धर्म या यूदावाद (Judaism) विश्व के प्राचीनतम धर्मों में से है तथा दुनिया का प्रथम एकेश्वरवादी धर्म माना जाता है इस धर्म में ईश्वर और उसके नबी यानि पैग़म्बर की मान्यता प्रधान है तो आइये जानते हैं जानें यहूदी धर्म के बारे में - Know about Judaism
यहूदी धर्म के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी - Important information about Judaism
- यह धर्म करीब 4000 साल पुराना है और वर्तमान में यह इजराइल राष्ट्र का राजधर्म है
- इनके धार्मिक ग्रन्थों में तनख़, तालमुद तथा मिद्रश प्रमुख हैं
- यहूदी ईश्वर को त्रीएक के रूप में समझते हैं अर्थात परमपिता परमेश्वर, उनके पुत्र ईसा मसीह और पवित्र आत्मा
- इस धर्म में मूर्ती पूजा को पाप माना जाता है
- यहूदियों के धार्मिक स्थल को मन्दिर व प्रार्थना स्थल को सिनेगॉग कहते हैं
- इस धर्म की शुरूआत पैगंबर अब्राहम से मानी जाती है जो ईसा से 2000 वर्ष पूर्व हुऐ थे
- पैगंबर अब्राहम के पहले बेटे का नाम हजरत इसहाक और दूसरे बेटे का हजरत इस्माईल था
- पैगंबर अब्राहम के पोते का नाम हजरत याकूब था
- याकूब का ही दूसरा नाम इजराइल था
- याकूब ने ही यहूदियों की 12 जातियों को मिलाकर एक सम्मिलित राष्ट्र इजरायल को 1948 में बनाया था
- दुनियॉ के सबसे पुराने धर्मों में से एक यहूदी धर्म से ही ईसाई और इस्लाम धर्म की उत्पत्ति हुई है
- यहूदियों की धर्मभाषा इब्रानी और यहूदी धर्मग्रंथ का नाम तनख है जो इब्रानी भाषा में लिखा गया है
- यहूदी धर्मग्रंथ को तालमुद या तोरा भी कहा जाता है
- इस धर्मग्रंथ की रचना ई.पू. 444 से लेकर ई.पू. 100 के बीच में हुई मानी जाती है
- इस धर्म में ईश्वर और उसके नबी यानि पैगम्बर की मान्यता प्रधान है
जानें किसने किया बारकोड का आविष्कार - Who invented Barcode in Hindi
दोस्तो आपने कभी ना कभी किसी प्रोडक्ट पर बारकोड तो देखा ही होगा और आपने कभी मॉल या किसी बडी शॉप से शॉपिंग की हो तो आपने देखा होगा मॉल के बिल काउन्टर पर या बडी दुकान के दुकानदार सामान पर लगे बारकोड से ही सामान का बिल बनाते हैं पर क्या आप जानते हैं कि वो इस बारकोड से कैसे बिल बना लेते है और इस बारकोड की शुरूआत कहॉ से हुई और किसने इसकी शुरूआत की अगर नहीं तो आइये जानते हैं बारकोड का आविष्कार किसने किया - Who invented Barcode in Hindi
बारकोड का आविष्कार किसने किया - Who invented Barcode in Hindi
बारकोड का आविष्कार
उत्तर प्रदेश बजट 2022 - Uttar Pradesh Budget 2022
उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) की योगी 2.0 की सरकार ने 26 मई को यूपी विधानसभा में अपना पहला बजट पेश किया है योगी सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना बजट पेश ये बजट पेश किया योगी सरकार में वित्त मंत्री के रुप में सुरेश खन्ना लगातर छठा बजट पेश किया है ये बजट 6.10 लाख करोड़ रुपए का है जवकि पिछला बजट 5,50,270.78 करोड़ रुपए का था तो आइये जानते हैं इस बजट में किसको क्या मिला उत्तर प्रदेश बजट 2022 - Uttar Pradesh Budget 2022
जानें उत्तर प्रदेश बजट 2022 के बारे में - Know about Uttar Pradesh Budget 2022
- वृद्धावस्था पेंशन 500 से बढ़ाकर 1000 की गई है
- उज्जवला के लाभार्थी को साल में 2 सिलिंडर मुफ्त देने का प्रावधान
- सामूहिक विवाह योजना के लिए 600 करोड़ रुपए का प्रवाधान किया गया है
- देश में 9 से 14 साल की एक लाख बालिकाओं को एचपीवी वैक्सीन की दोनों खुराक के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया
- वाराणसी में संत रविदास और संत कबीर संग्रहालय बनेगा। दोनों संग्रहालयों को 25-25 करोड़ के बजट का प्रस्ताव
- 14 मेडिकल कॉलेजों को 2100 करोड़ का बजट दिया गया है
- प्राइवेट ट्यूबवेल के बिजली बिल में 50% छूट मिलती रहेगी
- मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेसवे के लिए 695 करोड़ का प्रावधान किया गया है
- पीडब्लूडी की सड़कों के लिए 18500 करोड़ का बजट प्रावधान है
- काशी विश्वनाथ राजघाट पुल के लिए 500 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया
- बाढ़ नियंत्रण के लिए 2700 करोड़ का बजट प्रस्तावित है
- नमामि गंगे में जल जीवन मिशन को 19,500 करोड़ से अधिक प्रस्तावित किया गया है
- प्रदेश के सभी जनपदों के समस्त 1535 थानों पर महिला बीट आरक्षी नामित करते हुए महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई जाऐगी
- प्रदेश केजिलों में 2740 महिला पुलिस कार्मिकों को 10,370 महिला बीटों का आवंटन किया जाऐगा
- लखनऊ, गोरखपुर और बदायूं में तीन महिला पीएसी बटालियन का गठन किया जाऐगा
- प्रदेश में जिला स्तर पर साइबर हेल्प डेस्क स्थापना की जाऐगी महिला सामर्थ्य योजना के लिए 72 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी
- 5 साल में 4 लाख नौकरियां देने का लक्ष्य रखा गया है माध्यमिक शिक्षा में 7540 पदों पर भर्ती की जाएगी मेडिकल कॉलेजों में 10 हजार पद भरे जाएंगे।
- कल्याण सिंह के नाम पर ग्राम उन्नति योजना चलेगी इसके तहत गांवों में सोलर लाइट लगेंगे
- कानपुर मेट्रो रेल को 747 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया गया है आगरा मेट्रो रेल को 597 करोड़ का बजट पेश किया गया है बनारस और गोरखपुर मेट्रो के लिए 100 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया गया है
- स्वच्छ भारत मिशन शहरी के लिए 1353 करोड़ का बजट रखा गया है
- पीएम ग्राम सड़क योजना के लिए 7373 करोड़ का बजट रखा गया है
- प्रदेश में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए यूपी विशेष सुरक्षा बल का गठन किया गया है, जिसके लिए 276 करोड़ 66 लाख रुपये की व्यवस्था बजट में प्रस्तावित की गई है
- जिलों के थानों को सुरक्षा उपकरणों और हथियारों से लैस करने के लिए 250 करोड़ का बजट रखा गया है
- बुजुर्ग पुजारियों, संतों का कल्याण बोर्ड बनाने लिए 1 करोड़ रुपये मजदूरों, पटरीवालों के बच्चों के लिए छह से 12 तक पढ़ाने के लिए 300 करोड़ रुपये
- राम जन्मभूमि मंदिर सड़क निर्माण के लिए 300 करोड़, अयोध्या में जनसुविधाओं और पार्किंग के लिए 209 करोड़, वाराणसी में गंगा तट से काशी विश्वनाथ तक सड़क के लिए 77 करोड़, बनारस में पर्यटन सुविधा के लिए 100 करोड़, अयोध्या में पर्यटन सुविधा के लिए 100 करोड़ का प्रस्ताव
- इस साल वृक्षारोपण अभियान में 35 करोड़ पेड़ लगाए जाएंगे। गोरखपुर चिड़ियाघर के लिए 50 करोड़ के बजट का प्रस्ताव
- लखनऊ एवं वाराणसी में वर्तमान अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डो तथा कुशीनगर में नवीन अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के साथ ही जेवर में नोएडा ग्रीन फील्ड अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के साथ उत्तर प्रदेश शीघ्र ही 5 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला देश का पहला प्रदेश बन जायेगा
जानें क्या है प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना - Know what is Pradhan Mantri Gati Shakti Yojana
यह रेल और सड़क सहित 16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला एक डिजिटल मंच है, जिसके द्वारा करीब 100 लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास को फुल स्पीड मिलेगी यह योजना देश में इंफ्रास्ट्रक्चर की चुनौतियों से निपटने के लिए एक समग्र प्लान है तो आइये जानें क्या है प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना - Know what is Pradhan Mantri Gati Shakti Yojana
जानें क्या है प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना - Know what is Pradhan Mantri Gati Shakti Yojana
जानें क्या है अग्निपथ योजना - Know what is Agneepath Scheme
हाल ही में भारत सरकार ने सेना भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की शुरूआत की है इस योजना के तहत आर्मी, नेवी और एयरफोर्स से सेनाओं में भर्ती होगी तो आइये जानें क्या है अग्निपथ योजना - Know what is Agneepath Scheme
जानें क्या है अग्निपथ योजना - Know what is Agneepath Scheme
- इस योजना में इंडियन आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में सैनिकों की 4 साल के लिए भर्ती होगी
- जिन सैनिकों को इस योजना में भर्ती किया जाऐगा उन्हें अग्निवीर नाम दिया जाएगा
- इस योजना में 4 साल के बाद 75 फीसदी सैनिकों को घर भेज दिया जाएगा शेष 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी जवान नियुक्त किया जाएगा
- अग्निपथ योजना सिर्फ जवानों के लिए है यह योजना अफसरों पर लागू नहीं होगी
- इस योजना के तहत आयु सीमा - 17.5 वर्ष से 21 वर्ष वालों को मौका मिलेगा
- आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में सैनिक स्तर की भर्ती के नियम पुराने वाले ही रहेंगे
- जनरल ड्यूटी (जीडी) सैनिक की भर्ती के लिए शैक्षणिक योग्यता कक्षा 10वीं पास ही रहेगी अलग-अलग श्रेणियों में 10वीं-12वीं पास युवाओं को मौका मिलेगा
- अगले 90 दिनों में अग्निपथ योजना के तहत 46 हजार भर्तियां निकाली जाएंगी
- इसके तहत आर्मी में 40 हजार, एयरफोर्स में 3500 और नेवी में 2500 भर्तियां होंगी
- अभ्यर्थियों नई भर्तियों की जानकारी joinindianarmy.nic.in, joinindiannavy.gov.in, Careerindianairforce.cdac.in पर जाकर देख सकते हैं
- हर अग्निवीर को भर्ती के पहले साल 30 हजार महीने सैलरी मिलेगी। दूसरे साल अग्निवीर की तनख्वाह बढ़कर 33 हजार, तीसरे साल 36.5 हजार तो चौथे साल 40 हजार रुपये हो जाएगी
- इनकी सैलरी में से सेवानिधि पैकेज के लिए हर बार 30-30 फीसदी कटेगा
- इंडियन आर्मी में हालांकि सिर्फ युवकों को भर्ती का मौका मिलेगा वायुसेना एवं नौसेना ने ऐलान किया है कि इस योजना के तहत युवतियों को भी अग्निवीर के तौर पर भर्ती किया जाएगा
- अग्निवीरों को 4 साल बाद सेना से ड्यूटी मुक्त होने वाले 75 फीसदी ऐसे अग्निवीरों को 11.71 लाख रुपये की सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा
- इसके अलावा उनको मिले कौशल प्रमाणपत्र और बैंक लोन के जरिये उन्हें दूसरी नौकरी शुरू करने में मदद की जाएगी
- चार साल की सेवा के बाद सेना से ड्यटूी मुक्त किए गए नौजवानों को केंद्र और राज्य सरकार रोजगार में प्राथमिकता प्रदान करेंगी
- सीआर पी एफ और असम राइफल्स में होने वाली भर्तियों में 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाऐगा
- इसके अलावा यूपी सरकार, उत्तराखंड सरकार और एमपी सरकार ने अपनी अपनी पुलिस भर्तियों में इन युवाओं को प्राथमिकता देने की घोषणा की है
- सभी अग्निवीरों का 48 लाख रुपये का नॉन-प्रीमियम इंश्योरेंस कवर होगा। ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर 44 लाख रुपये की अतिरिक्त अनुग्रह राशि मिलेगी
- अगर कोई अग्निवीर नौकरी के दौरान दिव्यांग हो जाते हैं तो 100 फीसदी अक्षमता पर 44 लाख रुपये, 75 फीसदी अक्षमता पर 25 लाख रुपये और 50 फीसदी अक्षमता पर 15 लाख रुपये दिए जाएंगे
- राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) रक्षा अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर 10वीं कक्षा पास कर अग्निपथ सेवा में आने वाले अग्निवीरों को 12वीं का प्रमाणपत्र प्रदान करने के लिए एक विशेष प्रोग्राम तैयार करेगा
- यह प्रमाणपत्र सिर्फ रोजगार के लिए ही नहीं बल्कि आगे की शिक्षा के लिए भी पूरे देश में मान्य होगा
भारतीय रेलवे स्टेशन जहां जाने के लिए चाहिए वीजा - Indian railway station where visa is required
ये तो हम जानते हैं कि हमें देश से बाहर जाने के लिए वीजा और पासपोर्ट की आवश्यकता होती है लेकिन भारत में भी एक ऐसा रेलवे स्टेशन है जहॉ जानें के लिए आपके पास वीजा और पासपोर्ट होना आवश्यक है अगर यहॉ पहुॅचने आपके पास वीजा नहीं मिला तो आपके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सकती है तो आइये जानें भारतीय रेलवे स्टेशन जहां जाने के लिए चाहिए वीजा - Indian railway station where visa is required
भारतीय रेलवे स्टेशन जहां जाने के लिए चाहिए वीजा - Indian railway station where visa is required
- अटारी पंजाबमें हिंदुस्तान का आखिरी रेलवे स्टेशन है. इसके एक तरफ अमृतसर तो दूसरी तरफ लाहौर है
- अब इस स्टेशन को अटारी श्याम सिंह स्टेशन (Atari Shyam Singh) के नाम से जाना जाता है
- अटारी रेलवे स्टेशन से आपको ट्रेन पकडने के लिए वीजा की आवश्यकता होती है
- यहॉ से ट्रेन पकडने के लिए आपके पास पाकिस्तानी वीजा होना चाहिए अगर आपके पास वीजा नहीं है और आप स्टेशन पर पकड़े गए तो 14 फोरेन एक्ट के तहत आपके खिलाफ मामला दर्ज हो सकता है
- इसी स्टेशन से देश की सबसे वीवीआईपी समझौता एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई जाती है हालांकि समझौता एक्सप्रेस कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद से बंद है
- यह देश का पहला रेलवे स्टेशन है जहां ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के लिए सीमा शुल्क विभाग के साथ-साथ ट्रेन में बैठे मुसाफिरों से इजाजत ली जाती है
- इस स्टेशन से टिकट लेने के लिए आपके पास पासपोर्ट होना आवश्यक है
- यहॉ हर यात्री को कन्फर्म सीट मिलती है और हर टिकट के साथ यात्री पासपोर्ट नंबर भी लिखा जाता है
- सुरक्षा कारणों से यहां काफी कड़ी सिक्युरिटी रहती है 24 घंटे सिक्युरिटी कैमरा के अलावा ख़ुफ़िया एजेंसी की भी यहां नजर रहती है
- इस रेलवे स्टेशन पर कुलियों की मनाही है मुसाफिर को अपना सामान खुद उठाना पड़ता है
- जिसके लिए स्पेशल ट्रालियां सभी मुसाफिरों के लिए उपलब्ध हैं
- यहां लगे एलईडी टीवी पर आपको देशभक्ति गाने फिल्में सुनने-देखने को मिलेंगे
- किसी वजह से यहां ट्रेन लेट हो जाती है तो इसके लिए दोनों देश को कई पेपर्स पर साइन करना पड़ता है
- इस स्टेशन की पंजाब पुलिस चारों तरफ पहरा देती है और यहॉ फोटोग्राफी करना मना है
- रेलवे स्टेशन आरपीएफ, जीआरपी, बीएसएफ समेत खुफिया व सुरक्षा एजेंसियों के पहरे में रहती हैं
- पर्यटक दूर से रेलवे स्टेशन देख सकते हैं अगर रेलवे स्टेशन के अंदर जाना है तो आपको गृहमंत्रालय के अलग-अलग विभागों से इजाजत लेनी होगी
- पाकिस्तान की तरफ से इस स्टेशन को 8 अगस्त 2019 को बंद किया गया है उस समय से ही समझौता एक्सप्रेस ट्रेन की रवानगी भी बंद कर दी गई है
जानें कौन हैं द्रौपदी मुर्मू - Know who is Draupadi Murmu
द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति होंगी वे इस सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं इससे पहले ये झारखंडकी गवर्नर रह चुकी हैं तो आइये जानते हैं भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में
द्रौपदी मुर्मू के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी - Important information about Draupadi Murmu
- द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशाके मयूरभंज जिले में हुआ था
- उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू था, जो अपनी परंपराओं के मुताबिक, गांव और समाज के मुखिया थे
- उन्होंने अपनी पढ़ाई-लिखाई ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से की हैं उन्होंने भुवनेश्वर के रमादेवी वुमेंस कॉलेज से कला में स्नातक किया
- उनका विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ था पति के निधन के बाद वो अपनी बेटी इतिश्री मुर्मू के साथ रहती हैं
- द्रौपदी मुर्मू राजनीति में आने से पहले श्री अरविंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च (रायरंगपुर) में मानद सहायक शिक्षिका थीं
- इसके अलावा वह सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में काम कर चुकी थीं.
- इन्होंने साल 1994 में रायरंगपुर में मौजूद अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर में टीचर के तौर पर काम करना चालू किया और यह काम इन्होने 1997 तक किया
- भाजपा ज्वाइन करने के बाद उन्होंने 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद चुनाव में हिस्सा लिया और जीत दर्ज कराई
- साल 1997 में ही मुर्मू बीजेपी की ओडिशा ईकाई की अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष भी बनी थीं
- इसके बाद ओडिशा में भाजपा और बीजू जनता दल की गठबंधन की सरकार में साल 2000 से 2002 कर वह वाणिज्य और परिवहन स्वतंत्र प्रभार मंत्री रहीं
- साल 2000-2004 के बीच में वो मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री थीं
- साल 2004 के बाद दोबारा विधायक बनीं और इन बीच उन्हें सर्वश्रेष्ठ विधायक होने का नीलकंठ अवार्ड साल 2007 में दिया गया
- साल 2002 से 2009 तक और फिर वर्ष 2013 में मयूरभंज के भाजपा जिलाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया
- द्रौपदी मुर्मू साल 2015-2019 के बीच झारखण्ड की गवर्नर रही हैं
- द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला थीं जिन्होंने गवर्नर का पद संभाला और पूरा भी किया
- मुर्मू देश की सबसे युवा राष्ट्रपति भी बनीं हैं जिनकी उम्र 65 साल 35 दिन के लगभग है
जानें INS विक्रांत के बारे में सबकुछ - Know everything about INS Vikrant
देश के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत भारतीय नौसेना में शामिल हो चुका है. प्रधानमंत्री मोदी ने इसे नौसेनामें शामिल किया यह भारत के समुद्री इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा जंगी जहाज है तो आइये जानें INS विक्रांत के बारे में सबकुछ - Know everything about INS Vikrant
जानें INS विक्रांत के बारे में सबकुछ - Know everything about INS Vikrant
- स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत को कोचीन शिपयार्ड (Cochin Shipyard) में 20,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है
- आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) पर तीन तरह के एयरक्राफ्टटस मिग-29 (MiG-29) फाइटर जेट, रोमियो हेलिकॉप्टर (Romeo Helicopter), और कामोव हेलिकॉप्टर (Kamov helicopter) तैनात हैं
- इस विमानवाहक युद्धपोत पर 30 से 35 एयरक्राफ्ट तैनात किए जा सकते हैं
- इसकी लंबाई 262 मीटर वजन करीब 45000 टन इसकी ऊंचाई करीब 59 मीटर और चौड़ाई की बात करें तो यह 62 मीटर चौड़ा है
- इस की टॉप स्पीड 28 नॉट्स है और ये एक बार में 14 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है
- इस पर करीब 1700 नौसैनिक तैनात किए जा सकते हैं.
- इसमें महिला अधिकारियों और महिला अग्निवीरों के लिए खास व्यवस्था की गई है
- विक्रांत की किचन में एक दिन में 4800 लोगों का खाना तैयार किया जा सकता है
- आईएनएस विक्रांत में एक छोटा अस्पताल भी बनाया गया है जिसमें 16 बेड मौजूद हैं. इसके अलावा ये 18 मंजिला युद्धपोत है. जिसमें 250 तेल के टैंकर मौजूद हैं.
- इसे बनाने का काम वर्ष 2009 में शुरू हुआ और सितम्बर 2022 तक ये बनकर तैयार हुआ इसे पूरी तरह ऑपरेशनल होने में जून 2023 तक का वक्त लगेगा
- इसमें अगर एक बार ईंधन भर दिया जाए तो 45 दिन तक समुद्र में रह सकता है इसे समुद्र में ही रिफिल भी किया जा सकता है
- 'INS विक्रांत का हिस्सा पूरी तरह भारतीय है इसके बनने के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों की गिनती में शामिल हो गया है जो एयरक्राफ्ट कैरियर डिजाइन करने और बनाने में सक्षम हैं
- इसे बनाने में 500 से ज्यादा भारतीय कंपनियां शामिल हुईं हैं
- दुनिया में केवल अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस के पास ही 40 हजार और इससे ज्यादा वजन वाले विमान वाहक जहाज का निर्माण करने की क्षमता है
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जानें क्या है पीएम श्री योजना - Know what is PM Shri Yojana
हाल ही में भारत सरकार ने पीएम श्री ('पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया') योजना लोन्च की है जिसके तहत भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 14500 स्कूलों को आधुनिक बुनियादी ढांचे, उच्च शिक्षण उपकरण और प्रौद्योगिकी, स्मार्ट क्लासरूम, एडवांस्ड खेल सुविधाओं आदि के साथ अपग्रेड किया जाएगा तो आइये जानते हैं जानें क्या है पीएम श्री योजना - Know what is PM Shri Yojana